नीतीश जी, बिहार का होने के नाते सभी बिहारी मेरे रिश्तेदार, फंसे लोगों को लाने की दीजिए अनुमति : मांझी

नीतीश जी, बिहार का होने के नाते सभी बिहारी मेरे रिश्तेदार, फंसे लोगों को लाने की दीजिए अनुमति : मांझी

PATNA : बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी अब कोटा पॉलिटिक्स में कूद पड़े हैं।आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की मांगों का समर्थन करते हुए उन्होनें कहा कि बिहारी होने के नाते सभी बिहारी मेरे रिश्तेदार हैं इसलिए बिहार के बाहर फंसे गरीब, मजदूर, छात्र-छात्राओं को लाने की अनुमति दें।


पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के ट्वीट कर लिखा है कि नीतीश कुमार जी लॉकडाउन में MLA पुत्री ही नहीं,जांच कराएंगें तो कई राजनेताओं/अधिकारियों ने रसूख से अपने बच्चों,रिश्तेदारों को बिहार लाया है।बिहारी के नाते सभी बिहारी मेरे रिश्तेदार हैं कृप्या मुझे भी बाहर राज्यों में फँसे मेरे गरीब,मज़दूर,छात्र-छात्राओं को लाने की अनुमति दें।वहीं उन्होनें आगे कहा है कि नीतीश कुमार जी अन्य राज्यों की सरकारें अपने राज्य के लोगों को बसों और अन्य माध्यमों से अपने राज्य ले लाकर क्वारंटाईन कर उन्हें घरों को भेज रही है।कृप्या यह काम आप बिहारियों के लिए भी करें तमाम समस्याओं का निदान हो जाएगा,गरीब की मदद करने से शक्ति मिलती है।


तेजस्वी यादव लगातार कोटा में फंसे छात्र-छात्राओं के मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं। अब पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी खुल कर सामने आ गये हैं। दरअसल हिसुआ से बीजेपी विधायक अनिल सिंह सरकार से परमिशन लेकर अपनी बेटी को कोटा से वापस लेकर आए उसके बाद से बिहार की सियासत गरमा गयी है। जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार से यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार का उदाहरण देते हुए कहा है कि सभी सरकारें अपने लोगों को घर वापस ला रही हैं, आप भी उन्हें वापस लेकर आए।


बता दें कि बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कोटा में फंसे बच्चों पर नया दांव चला है। तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि सरकार अगर कोटा में फंसे बच्चों को लाने में असमर्थ है तो हमें परमिशन दें। हम वहां फंसे बच्चों को उनके हाल पर नहीं छोड़ सकते हन उन्हें अपने बूते वापस लेकर आएंगे।तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि ख़ास लोगों के प्रति समर्पित बिहार सरकार अगर कोटा में फंसे आम विद्यार्थियों को लाने में अक्षम, अशक्त और असमर्थ है तो हमें विशेष अनुमति प्रदान करें,हम उन 6500 छात्रों को बिहार लेकर आएंगे।संकट की इस घड़ी में बिहार के भविष्य  निर्दोष नादान बच्चों को ऐसे नहीं छोड़ सकते।अनुमति दिजीए।