PATNA: पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह से सवाल पूछा है. सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार अगर विपक्षी पार्टियों के गठबंधन में प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं तो ललन सिंह जगह-जगह घूम कर उनका बायोडाटा क्यों जारी कर रहे हैं. क्यों पटना में जेडीयू नेताओं को बुलाकर सीएम आवास के सामने नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री बनाने के नारे लगवाये जा रहे हैं. सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार का सपना कभी पूरा नहीं होने वाला है.
मीडिया से बात करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार एक तरफ तो ये कहते हैं कि प्रधानमंत्री बनने की उनकी कोई इच्छा नहीं है औऱ वे दावेदार नहीं है. दूसरी ओर पटना में मीटिंग के बहाने जेडीयू के नेताओं को बुलाया जाता है और उनसे नीतीश को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाने के लिए नारेबाजी करायी जा रही है. बता दें कि नीतीश कुमार ने आज मीटिंग के लिए अपनी पार्टी के प्रखंड अध्यक्षों को अपने आवास पर बुलाया था. जेडीयू के प्रखंड अध्यक्षों ने नीतीश को प्रधानमंत्री बनाने की नारेबाजी की थी.
सुशील मोदी ने कहा कि अगर नीतीश कुमार दावेदार नहीं हैं, तो उनकी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पीएम-पद के लिए नीतीश कुमार का बायोडाटा क्यों जारी कर रहे हैं? उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं जो कभी पूरा नहीं होने वाला है.
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जी-20 के सफल नेतृत्व और 30 करोड़ लोगों की गरीबी दूर करते हुए तेज विकास के साथ भारत को विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवथा बनाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का न कोई विकल्प है, न विपक्ष में कोई उनसे मुकाबला करने लायक है. देश में कई बार सांसद-मंत्री-मुख्यमंत्री रहने वाले ईमानदार-सक्षम लोग तो बहुत हैं, लेकिन भारत को प्रभावी नेतृत्व और कड़े फैसले लेकर उसे लागू करने वाली स्थायी सरकार देना उनके बूते की बात नहीं है. देश फिर से चंद्रशेखर, देवगौड़ा, गुजराल जैसे प्रधानमंत्री नहीं चाहता है.
विपक्षी गठबंधन में ही नीतीश की पूछ नहीं
सुशील मोदी ने कहा कि विपक्षी पार्टियों के गठबंधन में ही नीतीश की पूछ नहीं हो रही है. नीतीश कुमार की पार्टी विपक्षी गठबंधन में द्रमुक के बाद चौथे नंबर पर है और पीएम पद के लिए उनसे पहले तीन बड़े दावेदार हैं. लोकसभा और विधानसभाओं में परफार्मेंस के आधार पर कांग्रेस ( राहुल गांधी), टीएमसी ( ममता बनर्जी) और अरविंद केजरीवाल के दावे जदयू से ज्यादा मजबूत हैं. ऐसे में नीतीश कुमार को सपने देखने की बजाय बिहार की सेवा करते रहने के अपने वादे पर टिके रहना चाहिए.