ANCHOR: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन में छिड़े घमासान के बारे में कुछ पता ही नहीं है। नीतीश कुमार ने आज कहा-मुझे नहीं मालूम कौन क्या बोल रहा है, हम तो दूसरे काम में लगे हुए हैं। हम तो जनता के बीच घूम रहे हैं. पार्टी के बारे में तो हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ही बता पायेंगे. उन्हीं को सब मालूम है।
उपेंद्र कुशवाहा के बयानों की खबर नहीं
नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें अपनी पार्टी के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के बयानों की खबर ही नहीं है. जहानाबाद-अरवल में समाधान यात्रा करने पहुंचे नीतीश कुमार से पत्रकारों ने पूछा कि उपेंद्र कुशवाहा कह रहे हैं कि राजद औऱ भाजपा में सांठ गांठ है. नीतीश कुमार ने कहा- उपेंद्र कुशवाहा के बयान के बारे में मैं नहीं जानता. ये सब हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बता देंगे. ऐसी कोई बात नहीं।
नीतीश बोले-हम नहीं जानते कि हमारी पार्टी में कौन बोल रहा है, क्या बोल रहा है उपेंद्र कुशवाहा हमसे मिलेंगे तो हम पूछताछ करेंगे. हमसे इधर कोई बातचीत नहीं हुई है. वे क्या बोल रहे हैं इसकी जानकारी भी नहीं है. हमारी पार्टी के मामले में तो राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह बोलते हैं. पार्टी की ओर से क्या कहना है वह क्लीयर है. अब किसी साथी को कुछ और लगता है तो हमको नहीं पता. हम तो दूसरे चीज में लगे हुए हैं, हम तो जनता के बीच घूम रहे हैं. नीतीश कुमार ने कहा कि हम इस सब जिम्मेवारी पार्टी के लोगों को दिये हुए हैं. कोई बात होगा तो समझा देगा, बता देगा. और कोई बात नहीं है।
यानि बिहार के मुख्यमंत्री को पता ही नहीं है कि राजद-जेडीयू के बीच किस तरह का घमासान छिड़ा हुआ है. राजद कोटे के मंत्री चंद्रशेखर के रामचरित मानस पर बयान के बाद दोनों पार्टियों के नेता एक दूसरे से भिड़ गये हैं. खबर ये भी आयी कि कैबिनेट की बैठक में जब नीतीश कुमार ने चंद्रशेखर से उनके बयानों पर पूछताछ की तो चंद्रशेखर ने सीधा जवाब दे दिया कि हम बोलते रहेंगे. तेजस्वी ने भी चंद्रशेखर के बयान का समर्थन कर दिया।
इस खबर के बाद जेडीयू-राजद में घमासान और बढ़ा. आज भी दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच एक दूसरे पर हमले की होड़ मची हुई है. ऐसी सियासी गहमागहमी के बीच नीतीश कुमार कह रहे हैं कि उन्हें कुछ पता नहीं. जानकारों की मानें तो नीतीश कुमार के पास चुप रहने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा. इस बार के यू टर्न के बाद भाजपा से दोस्ती की सारी राहें बंद हो चुकी है.
उधर, राजद के कई नेता खुलेआम उनकी बेईज्जती कर चुके हैं. पहले सुधाकर सिंह ने भरी कैबिनेट में उन्हें जवाब दे दिया था. अब चंद्रशेखर ने उन्हें जवाब दिया. दोनों मौकों पर तेजस्वी यादव ने या तो अपनी पार्टी के मंत्री का समर्थन किया या फिर चुप्पी साध ली. राजद के सुधाकर सिंह लगातार नीतीश कुमार पर निशाना साधे जा रहे हैं लेकिन राजद सुधाकर सिंह पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. बेबस नीतीश के सामने चुपचाप ये सब देखने के सिवा शायद कोई रास्ता नहीं बचा.