1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 03 Mar 2024 03:49:49 PM IST
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PATNA: बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को विद्युत विनियामक आयोग का चेयरमैन बनाया गया है. सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है. इससे पहले आमिर सुबहानी ने मुख्य सचिव पद से वीआरएस ले लिया था. वे 30 मार्च को रिटायर होने वाले थे लेकिन 3 मार्च से ही स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ही. उसके बाद उन्हें विद्युत विनियामक आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. लेकिन आमिर सुबहानी के इस हाल पर सत्ता के गलियारे में चर्चाओं का बाजार गर्म है. चर्चा ये है कि नीतीश कुमार अपने सबसे अजीज अधिकारी को भी मनमाफिक सेट नहीं कर पाये.
दरअसल, पिछले 18 सालों से बिहार में राज कर रहे नीतीश कुमार ने जिन चुनिंदा अधिकारियों को सिर माथे पर बिठाये रखा है, उनमें आमिर सुबहानी शामिल रहे हैं. नीतीश राज में उन्हें हमेशा मलाईदार पोस्टिंग मिली. वे गृह, सामान्य प्रशासन जैसे अहम विभागों की ही जिम्मेवारी संभालते रहे. बाद में उनसे वरीय अधिकारियों को दरकिनार कर आमिर सुबहानी को मुख्य सचिव बनाया गया था. नीतीश कुमार ने सत्ता में आने के बाद ये परंपरा बनायी थी कि मुख्य सचिव जैसे पदों से रिटायर होने वालों को बीपीएससी, सूचना आयोग जैसे अहम जगहों पर सेट किया जाता रहा है. लेकिन आमिर सुबहानी पहले ऐसे मुख्य सचिव रहे हैं, जिन्हें विद्युत विनियामक आयोग में भेजा गया है, जहां करने के लिए कोई काम ही नहीं होता.
भाजपा के दबाव में फैसला
सरकारी सूत्र बताते हैं कि आमिर सुबहानी को लेकर नीतीश कुमार बीजेपी के सामने बेबस हो गये. आमिर सुबहानी को बीपीएससी का अध्यक्ष बनाने की तैयारी थी. बीपीएससी के अध्यक्ष पद से अतुल प्रसाद फरवरी महीने की शुरूआत में ही रिटायर हो गये थे. सरकार ने उनके रिटायरमेंट के बाद किसी को अध्यक्ष नहीं नियुक्त किया था. बीपीएससी के सदस्यों को ही प्रभार देकर काम चलाया जा रहा था. ये लगभग तय लग रहा था कि आमिर सुबहानी को बीपीएससी का अध्यक्ष बनाया जायेगा.
जानकार सूत्र बताते हैं कि आमिर सुबहानी को बीपीएससी अध्यक्ष बनाने को लेकर भाजपा राजी नहीं थी. भाजपा पहले से ही आमिर सुबहानी की कार्यशैली से नाराज रही है. इस दफे नीतीश कुमार के साथ सरकार बनाने के बाद बीजेपी ने नीतीश के निकटतम सलाहकारों को साफ साफ कह दिया था कि आमिर सुबहानी को रिटायरमेंट के बाद अहम जगह पर तैनाती नहीं होनी चाहिये. सूत्र बताते हैं कि खास जिम्मेवारी संभाल रहे एक रिटायर आईएएस अधिकारी ने इस मामले में अहम रोल निभाया और नीतीश को राजी किया कि आमिर सुबहानी को बीपीएससी में नहीं भेजा जाये. फिर उन्हें विद्युत विनियामक बोर्ड में तैनात करने का रास्ता निकाला गया.