PATNA : सड़क निर्माण के क्षेत्र में बिहार के लिए आज का दिन बेहद खास साबित होने वाला है। पटना को हाजीपुर से जोड़ने वाले गांधी सेतु के दोनों लेन पर आज से परिचालन शुरू हो जाएगा। पूर्वी लेन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और आज इसका उद्घाटन होने जा रहा है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी आज पटना पहुंच रहे हैं। सुबह 10 बजे वह पटना एयरपोर्ट पहुंचेंगे और हाजीपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान वह बिहार के लिए योजनाओं का पिटारा खोलने वाले हैं। राज्य की 13585 करोड़ लागत वाली 15 एनएच परियोजनाओं का आज उद्घाटन और शिलान्यास होगा। सीएम नीतीश की अध्यक्षता में हाजीपुर में आयोजित समारोह में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
राज्य के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन और अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सोमवार को इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी थी। गांधी सेतु के जर्जर हो चुके सुपर स्ट्रक्चर को तोड़कर 1742 करोड़ खर्च करके फिर से बड़ी गाड़ियों लायक बना दिया गया है। आज सेतु की पूर्वी लेन का उद्घाटन होगा। आज ही 1192 करोड़ के लागत से बने 2 लेन वाले छपरा-सिवान-गोपालगंज (94.26 किमी) एनएच का भी उद्घाटन किया जाएगा। साथ ही साथ हाजीपुर छपरा एनएच का दो दिनों में फिर से टेंडर होगा। 500 करोड़ से बचा काम पूरा कराया जाएगा। आपको बता दें छपरा से सिवान होते हुए गोपालगंज तक जाने वाली एन०एच०-85 परियोजना का शिलान्यास किया जाएगा. इस परियोजना के निर्माण से सारण प्रमंडल वासियों को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया, बलिया, गाजीपुर के साथ वाराणसी से संपर्कता मिलेगी और माल ढुलाई में सुगमता होगी, जिससे निर्माण लागत में कमी आएगी. 1742 करोड़ के लागत से गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु से पटना हाजीपुर के सुगम यातायात के लिए 5.58 km का NH-19 के डाउनस्ट्रीम के सुपरस्ट्रक्चर का प्रतिस्थापन किया जाएगा. यह पुल उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार को जोड़ेगी. जो राज्य की जीवन रेखा के रूप में के रूप में जानी जाएगी. यह पुल राज्य को आर्थिक और सामाजिक विकास में एक खास मन जा रहा है.
गंगा नदी के मैदानी भाग होने के कारण परियोजना के आस-पास के क्षेत्र की भूमि सर्वाधिक उपजाउ भूमि है. परियोजना के निर्माण से इस क्षेत्र के किसानों को अपने फसल बंगाल, झारखंड के पास के इलाकों में निर्यात करने में काफी आसानी होगी. जिससे उनकी लागत कम होगी और आमदनी में वृद्धि होगी. दूसरी तरफ भागलपुर का प्रसिद्ध शिल्क देश के कोने-कोने से पहुंचने में अत्यधिक सुविधा होगी. जिससे क्षेत्र की जनता का विकास होगा. परियोजना निर्माण से बिहार से बंगाल और झारखंड से कनेक्टिविटी बढ़ेगी. साथ ही ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी, ईंधन की बचत होगी, यातायात में तेजी आएगी, पर्यटन कृषि, उद्योग और व्यापार में इजाफा होगा जिससे रोजगार बढ़ेगा. इन परियोजनाओं के निर्माण से प्राचीन भारत में शिक्षा के प्रमुख केन्द्र रहे विक्रमशीला विश्वविद्यालय और कहलगांव ताप विद्युत घर तक आवागमन सुलभ सुगम और सुरक्षित होगा. पूरे क्षेत्र में खुशहाली और तरक्की आएगी जो बिहार राज्य और देश की तरक्की में मील का पत्थर साबित होगा.