निर्भया के दोषी ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी, कहा- जिंदा रहकर बूढ़े मां-बाप की सेवा करना चाहता हूं, पढ़ें पूरा पत्र

निर्भया के दोषी ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी, कहा- जिंदा रहकर बूढ़े मां-बाप की सेवा करना चाहता हूं, पढ़ें पूरा पत्र

DELHI: निर्भया के चारों गुनहगारों को 1 फरवरी को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा. फांसी से बचने के लिए दोषी कई कानूनी हथकंडे अपना रहे हैं. इसी बीच दोषी विनय ने अपने हाथों से लिखकर राष्ट्रपति के पास चिट्ठी दया याचिका के रुप में भेजी है. चिट्ठी में विनय ने अपने बूढ़े मां-बाप की दुहाई दी है. 

चिट्ठी में विनय ने लिखा है कि  ‘सर, मैं अपने घर का बड़ा लड़का हूं. आपके पास मुझे जीवनदान देने का अधिकार है मैं जेल में रहकर भी अपने बूढ़े मां बाप की सेवा कर सकता हूं. मां-बाप धीरे-धीरे बुढ़ापे की ओर बढ़ रहे हैं. उनका मेरे अलावा और दूसरा कोई सहारा नहीं है. मेरे अंदर बहुत सुधार है. आप चाहे जो भी सजा देंगे उसे काटकर एक जिम्मेदार अच्छा नागरिक बन के निकलूंगा और अपनी मां बाप की बहुत सेवा करूंगा. कभी भी कुछ भी गलत नहीं करूंगा न ही गलत करने दूंगा.

इसके बाद विनय ने लिखा है कि 'सर मुझ गरीब पर इतना कुछ थोपा गया जो मैंने कभी सोचा नहीं था. वह सहा जो कोई सह नहीं सकता मरना होता तो कब का मौत को गले लगा चुका होता लेकिन जब से मेरे बूढ़े मां बाप ने मुझसे जीने को कहा है उस दिन से मैंने मरने की छोड़ दी. मझे फांसी को छोड़कर जितनी भी सजा देंगे वह मुझे मंजूर होगी, मैं हर सजा  खुशी-खुशी काटने को तैयार हूं. लेकिन मुझे मेरे मां बाप के लिए जिंदा छोड़ दो. सर बहुत दुख देखे हैं जीवन में. श्रीमान जी मेरी पहली और आखरी गलती को माफ करके मुझे नया जीवन प्रदान करें.'

बता दें कि ले 22 जनवरी को सभी गुनहगारों को फांसी दी जानी थी पर कानूनी पैंतरेबाजी के कारण टल गई थी. इसके बाद एक बार फिर से 1 फरवरी की तारिख तय की गई है.  पवन जल्लाद कल तय प्रोग्राम के मुताबिक तिहाड़ जेल पहुंच जाएगा.