DELHI : निर्भया केस के दोषियों को फांसी की सजा से पहले पूरी रात ड्रामा चलता रहा. रात के ढ़ाई बजे सुप्रीम कोर्ट की बेंच बैठी. उससे पहले रात के दस बजे दिल्ली हाईकोर्ट की बेंच बैठी जिसने आधी रात को फांसी की सजा टालने की याचिका खारिज कर दी. फांसी के पहले के 24 घंटे में दोषियों के वकील ने 7 याचिकायें दायर की. एक-एक कर सारी याचिकायें खारिज हुई और फांसी का रास्ता साफ हुआ.
फांसी के दो घंटे पहले हटा सस्पेंस
निर्भया के चारों दोषियों को फांसी पर लेकर जारी सस्पेंस रात के लगभग साढ़े तीन बजे सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की आखिरी याचिका भी खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आर भानुमति की बेंच ने दोषी पवन गुप्ता की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया. पवन गुप्ता के वकील ए.पी. सिंह को कोर्ट ने कई दफे फटकार लगायी.
ए.पी. सिंह कह रहे थे कि पवन गुप्ता घटना के वक्त नाबालिग था. कोर्ट ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जो दलीलें सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है उसे आखिरी वक्त में क्यों दुहराया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक भी दलील ऐसी नहीं है जिस पर तवज्जो दिया जाये. दोषी के वकील कोर्ट का टाइम खराब कर रहे हैं. लिहाजा याचिका खारिज कर दी गयी और आखिरकार दो घंटे बाद फांसी देने पर आखिरी मुहर लग गयी.
रात के ढाई बजे सुप्रीम कोर्ट में शुरू हुई सुनवाई
निर्भया के दोषियों की फांसी के लिए मुकर्रर समय यानि सुबह के साढ़े पांच बजे से ठीक तीन घंटे पहले सुप्रीम कोर्ट की बेंच बैठी. उससे पहले रात के लगभग डेढ बजे दोषियों के वकील ए.पी. सिंह सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार के घर पर पहुंचे और आखिरी सुनवाई की अर्जी लगायी. रजिस्ट्रार ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से संपर्क साधा और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का समय तय हुआ.
सुप्रीम कोर्ट के सामने धरना पर बैठ गये ए.पी. सिंह
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले दोषियों के वकील ए.पी. सिंह धरना पर बैठ गये. दरअसल कोरोना वायरस के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में एंट्री पर रोक लगायी गयी है. ए.पी. सिंह अपने साथ 6 वकीलों को ले जाना चाहते थे लेकिन उन्हें तीन वकीलों को ही अंदर ले जाने की मंजूरी मिली. इसी दौरान वकील ए.पी. सिंह धरना पर बैठ गये. इस दौरान निर्भया की मां और पिता को भी सुप्रीम कोर्ट में जाने से रोका दिया गया.
रात के सवा 12 बजे तक होती रही दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई
निर्भया के दोषियों की फांसी के पांच घंटे पहले यानि रात के सवा 12 बजे दिल्ली हाईकोर्ट ने फांसी पर रोक लगाने की दोषियों की अर्जी खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने कहा कि बिना किसी आधार के दोषियों की ओर से कोर्ट में याचिका दायर कर दी गयी है जिसका मकदस सिर्फ कोर्ट का समय बर्बाद करना है.
दरअसल निर्भया के दोषियों के वकील पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट गये थे. पटियाला हाउस कोर्ट ने दिन में ही फांसी की सजा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था.
हाईकोर्ट ने कहा-निर्भया के दोषी अब भगवान से मिलेंगे
हाईकोर्ट ने निर्भया के वकील को फटकार लगाते हुए कहा “अब समय आ गया है जब आपके मुवक्किल भगवान से मिलेंगे. आप कोर्ट का समय बर्बाद मत कीजिए. आपके पास कोई तथ्य नहीं है जिसके आधार पर हम आपकी कोई मदद कर पायें. हम फांसी पर रोक नहीं लगा सकते.”
फांसी की रात कोर्ट ने कहा- बहाना मत बनाइए
दिल्ली हाईकोर्ट में अपील करने पहुंचे निर्भया के दोषियों के वकील ए. पी. सिंह बिना किसी कागजात या दस्तावेज के पहुंचे थे. हाईकोर्ट की बेंच ने इस पर नाराजगी जतायी तो दोषियों के वकील ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से कोई भी फोटो कॉपी की मशीन काम नहीं कर रही है. हाईकोर्ट की बेंच ने दोषियों के वकील से कहा कि वे आज तीन दफे कोर्ट में जा चुके हैं. ऐसे में वो बहाना नहीं बनायें कि उनके पास सुविधायें उपलब्ध नहीं हैं.
हालांकि निर्भया के दोषियों के वकील ए.पी. सिंह बार-बार ये कहते रहे कि फैसला देने में जल्दबाजी से न्याय दफन हो सकता है. लेकिन कोर्ट ने उनकी दलीलों पर गौर करने से इंकार कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि दोषियों के वकील कोई तथ्य रखने से बजाय समय बर्बाद करने में लगे हैं. कोर्ट की समझ से परे है कि निर्भया के दोषियों के वकील कौन से तर्क दे रहे हैं. आखिरकार रात के सवा 12 बजे दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्भया के दोषियों की याचिका खारिज कर दी.