PATNA: निर्भया कांड के दोषियों में से एक अक्षय ठाकुर बिहार के औरंगाबाद जिले का रहने वाला है. अक्षय के एक करतूत ने उसके पूरा परिवार को बर्बादी के कगार पर ला दिया है. दिल्ली में काम करने वाले इसके भाईयों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. मां, पिता, पत्नी और बच्चों पर जो बीत रही होगी वह अलग ही है. अक्षय समेत सभी आरोपियों का डेथ वारंट जारी हो गया है. 22 जनवरी को सुबह 7 बजे सभी को फांसी देने की तारीख तय हुई है.
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नाम आने के बाद अक्षय के भाईयों ने कंपनी ने दिया था निकाल
निर्भया के मामले में जब अक्षय गिरफ्तार हुआ तो उस समय इसके दो भाई दिल्ली के एक कंपनी में काम करते थे. जैसे ही इस बात की जानकारी कंपनी के अधिकारियों को लगी तो तुरंत नौकरी से निकाल दिया. नौकरी मिलना मुश्किल हो गया और भाईयों को दिल्ली छोड़ना पड़ा. गांव आकर रहने लगे और खेती कर जीवन यापन करने लगे. गांव में कुछ जमीन है इसपर ही खेती कर परिवार गुजारा करता है.
सबको अक्षय की पत्नी और बच्चों को चिंता
अक्षय की करतूत की सजा तो मिल जाएगी. लेकिन सबको अक्षय की पत्नी और उसके बच्चे की चिंता सता रही है आखिर दोनों का परवरिश कैसे होगा. जब तक उसके भाई साथ दें रहे तब तक तो सब ठीक है उसके बाद क्या होगा. जैसे ही इस कांड में उसका नाम आता है मां, पिता और पत्नी के आंखों में आंसू आ जाते हैं. अक्षय के करतूत से गांव के लोग भी शर्मसार हैं. ग्रामीण उसका नाम भी नहीं लेना चाहते हैं. जब डेथ वारंट भी जारी हुआ तो मंगलवार को कोई उसका जिक्र करना नहीं चाह रहा था. सभी खामोश थे.