DELHI: आंखों में आंसू लिये एक मां पिछले 7 साल से इंसाफ की आस लगाये बैठी है. खून के आंसू रो रही एक मां कोर्ट-कचहरी का चक्कर काटते-काटते थक गई है, लेकिन इंसाफ अभी भी कोसों दूर नजर आ रहा है. एक मां को तारीख पे तारीख मिल रही है, लेकिन इंसाफ नहीं मिल रहा है. मां कभी कचहरी पहुंचती है...तो कभी इस चैंबर...तो कभी उस कोर्ट रूम...लेकिन बेटी को न्याय नहीं मिल रहा है.
7 साल पहले निर्भया के हुई हैवानियत की दर्द आज भी लोगों के जेहन में है. 7 साल से ज्यादा बीत जाने के बाद भी निर्भया के गुनहगारों को उनके किये की सजा अब तक नहीं मिली. हर बार कानूनी दांव-पेंच खेलकर हैवान फांसी के फंदे से बच जाते हैं. आज पूरा देश ये सवाल पूछ रहा है कि आखिर कब निर्भया के गुनहगारों को फांसी होगी. इस केस में आज सुप्रीम कोर्ट में एक अहम सुनवाई होगी.
चारों दोषियों को एक साथ फांसी होगी या नहीं आज इस पर SC में अहम सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट निर्भया मामले में दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें यह दलील दी गई है कि चारों दोषियों को एक साथ सजा देने के सवाल पर अब और देरी नहीं की जाए. न्यायमूर्ति अशोक भूषण और ए. एस. बोपन्ना के साथ न्यायमूर्ति आर. बानुमति की अध्यक्षता वाली पीठ आज इस पर फैसला सुनाएगी. इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका की अस्वीकृति को चुनौती दी गई थी. वहीं दिल्ली की अदालत ने गुरुवार को निर्भया दुष्कर्म मामले में डेथ वारंट जारी करने की याचिका पर सुनवाई 17 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है.