निकाय चुनाव को लेकर सुशील मोदी का तीखा हमला-चुनाव फिर स्थगित न होने की गारंटी दें नीतीश, सरकार की नियत में अति पिछड़ों के लिए खोट

निकाय चुनाव को लेकर सुशील मोदी का तीखा हमला-चुनाव फिर स्थगित न होने की गारंटी दें नीतीश, सरकार की नियत में अति पिछड़ों के लिए खोट

PATNA: बिहार में नगर निकाय चुनाव को लेकर फंसे कानूनी पेंच के बीच बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार औऱ राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है. सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार की नियत में खोट है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ा कर जेडीयू-राजद नेताओं की कमेटी से रिपोर्ट बनवा कर चुनाव कराने का दिखावा कर रहे हैं. सुशील मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार गारंटी लें कि बिहार में नगर निकाय चुनाव फिर से स्थगित नहीं होगा.


पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अति पिछड़ों पर नीतीश कुमार को भरोसा नहीं रहा इसलिए राजनीतिक पिछड़ेपन की पहचान से संबंधित आधी-अधूरी रिपोर्ट आनन-फानन में तैयार कराने का दिखावा किया गया. सरकार ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया क्योंकि ये रिपोर्ट सानने आती तो सरकार की पोल खुल जाती. उन्होंने कहा कि सरकार की नीयत में खोट थी, तभी निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक विशेष आयोग बनाने के बजाय अति पिछड़ा वर्ग आयोग को ही अधिसूचित कर नया टास्क सौंप दिया गया.


सुशील मोदी ने कहा कि बिहार अति पिछड़ा वर्ग आयोग सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुरूप डेडिकेटेड आयोग नहीं है. ये विशेषज्ञ लोगों का निष्पक्ष और स्वतंत्र आयोग नहीं, बल्कि राजद और जदयू के नेताओं की एक कमेटी है. इस कमेटी ने मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुसार रिपोर्ट तैयार कर दी. इस रिपोर्ट पर आयोग के सभी सदस्यों के हस्ताक्षर तक नहीं हैं. कई सदस्यों को रिपोर्ट सौंपे जाने की जानकारी भी नहीं है.


सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार नगर निकाय चुनाव को लेकर 1 दिसम्बर को हाईकोर्ट में सुनवाई की तारीख थी. हाईकोर्ट में फजीहत के डर से आयोग ने खानापूर्ति कर सरकार को रिपोर्ट सौंप दी. सर्वे भी जल्दबाजी में कराया गया. इस रिपोर्ट के आधार पर चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है. सुशील मोदी ने कहा कि दुखद बात तो ये कि राज्य निर्वाचन आयोग भी स्वतंत्र तौर पर काम नहीं कर रहा है. वह राज्य सरकार के एक विभाग की तरह काम कर रहा है जिसकी कमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों में है.


सुशील मोदी ने कहा है कि पूरा मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में है. दोनों कोर्ट में बिहार के नगर निकाय चुनाव को लेकर सुनवाई हो रही है. ऐसे में क्या बिहार सरकार गारंटी दे सकती है कि निकाय चुनाव फिर स्थगित नहीं होंगे? निकाय चुनाव को लेकर पूरे बिहार में संदेह की स्थिति बनी हुई है.