PATNA : बिहार का सबसे बड़ा लोकपर्व छठ की तैयारी शुरू हो गयी है। बिहार से बाहर निवास करने वाले प्रवासी मजदूर, कामकाजी लोग भी बिहार वापसी कर इस महापर्व में शामिल होने की योजना तैयार किए बैठे हैं। लेकिन, शायद इस बार उन्हें इस महापर्व में थोड़ी ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ें। दरअसल, छठ पर्व शुरू होने में मजह कुछ दिन भी बचें हैं, लेकिन इसके बाबजूद इस बार गंगा का जलस्तर घटने का नाम नहीं ले रहा है। गंगा नदी में अभी भी उफान है।
मालूम हो कि, बिहार में गंगा का जलस्तर पिछले चार दिनों में घटने के वजाय लगातार बढ़ता ही जा रहा है। जलस्तर में हो रही इस बढ़ोतरी के कारण राजधानी पटना के कई घाटों पर अभी भी लबालब पानी है। जिसके कारण इस बार गंगा की गोद मे भगवान भास्कर को अर्घ देने पर थोड़ी असमंजश बनी हुई है। अगर इसी तरह से गंगा का जलस्तर बढ़ता रहा तो फिर 92 गंगा घाटों में से आधे से अधिक पर छठ का आयोजन मुश्किल हो जाएगा।
बता दें कि, पटना में गंगा का जलस्तर पिछले वर्ष इस महीने की तुलना में करीब डेढ़ मीटर ऊपर है। राजधानी पटना के दीघा में पिछले साल इस महीने में जलस्तर खतरे के निशान से 2.54 मीटर नीचे था, इस साल 10.98 मीटर ऊपर है। हाथीदह में नदी का जलस्तर 72 घंटे पहले ही खतरे के निशान के पार कर गया है। नदी यहां खतरे के निशान से 18 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।
ऐसे में गंगा के बढ़ते हुए इस जलस्तर के कारण गंगा का बढ़ने के कारण कलेक्ट्रेट, बांसपाट, महेंद्र घाट समेत दो दर्जन छोटे-बड़े गंगा घाटों पर पूजा पर संशय बना हुआ है। पानी ज्यादा रहने से गंगा घाटों पर बैरिकेडिंग के लिए समय कम बचेगा। वहीं ग्रामीण इलाकों के गंगा किनारे के प्रमुख घाटों पर इस बार छठ पूजा मुश्किल में दिख रह है।