नेताओं के ब्लड टेस्ट को लेकर सियासत, जायसवाल बोले- नहीं हो रहा काम तो हमें सौंप दें गद्दी

नेताओं के ब्लड टेस्ट को लेकर सियासत, जायसवाल बोले- नहीं हो रहा काम तो हमें सौंप दें गद्दी

PATNA : बिहार में जहरीली शराबकांड को लेकर सियासत जो गरम हुई है वह ठंडा होने का नाम नहीं ले रही है।  इसको लेकर भाजपा अपने मांगों पर टीकी हुई है तो सरकार भी अपने साफ़ मंसूबों की गलत चीज़ों का सेवन कर मरने वाले लोगों को मुआवजा नहीं मिलेगा के फैसले पर स्थिर है। इस बीच पिछले दिनों भाजपा के तरफ से एक बड़ा  आरोप लगाते हुए यह मांग उठाई गयी थी कि विधानसभा के अंदर आने वाले सभी विधायकों और पुलिस पदाधिकारियों के ब्लड सैंपल की जांच करवाई जानी चाहिए। भाजपा का कहना था कि, जेडीयू के कई ऐसे नेता  है जो शराब का सेवन करते हैं। जिसके जवाब में जेडीयू ने कहा था कि, सबसे पहले बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के ब्लड की जांच होनी चाहिए। इसी कड़ी में अब खुद बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने नीतीश कुमार को जवाब दिया है। 


बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष  संजय जायसवाल ने कहा है कि, नीतीश कुमार यदि हमारा ब्लड टेस्ट करवाना चाहते हैं तो वो बिलकुल करवाएं मैं इसके लिए तैयार हूं। वो शासन में हैं और इसके तहत पहल उनको करना चाहिए नहीं तो फिर उनको अपनी गद्दी भाजपा को दे देनी चाहिए हमलोग इसे  शुरू करवा देंगे। हालांकि, उन्होंने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की सरकार है और हमारे पार्टी के नेता को जहां बुलाएंगे हम जाकर अपना ब्लड टेस्ट करवाएंगे। लेकिन, वह पहले यह मान लें की वो विधानसभा में इसे शुरू करेंगे। वो सचमुच में बिहार के अंदर सुधार चाहते हैं तो सभी माननीय, पुलिस अधिकारी, आईएस,आईपीएस की जांच करवाएं। 


इसके आगे संजय जायसवाल ने जेडीयू के तरफ से यह कहने पर कि भाजपा साफ़ - साफ़ शराबबंदी हटाने की मांग करें पर सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि, क्या शराब बेचने का लाइसेंस नीतीश कुमार ने दिया था, उन्होंने कभी ऐसा बोला था कि जब कानून लाएंगे तो शराब बिकवायेंगे।  हमलोग भी शराबबंदी का समर्थन करते हैं लेकिन जब यह सही मायने में हो तब। हकीकत यह है आज हर एक इलाके में आसानी से शराब बिक रही है। नीतीश कुमार राज्य के गृह मंत्री हैं ऐसे में सभी जबाबदेही उनकी ही बनती है। 


गौरतलब हो कि, बिहार के सारण में जहरीली शराब से मिडिया रिपोर्ट के अनुसार 80 से अधिक लोगों की जान गई है।  हालांकि, सरकारी डाटा के अनुसार यह आकड़ा 50 केअंदर है। इसको लेकर सारण पुलिस द्वारा जहरीली शराब बनाने वाले डॉक्टर नामक एक युवक को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। इसके साथ ही सरकार मुआवजा की मांग पर भी अपनी राय रख चुकी है।