PATNA : बिहार सरकार ने MP-MLA और एमएलसी की पसंद को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला लिया है। सरकार के फैसले के मुताबिक अब ट्रांसफर के बावजूद सांसद, विधायक और विधान पार्षद की सुरक्षा में तैनात अंगरक्षकों को नहीं हटाया जाएगा। इसको लेकर पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को निर्देश जारी किया है। एडीजी बच्चू सिंह मीणा ने पत्र लिखकर सांसद-विधायकों को मिले अंगरक्षकों को विरमित नहीं करने का निर्देश दिया गया है।
दरअसल, नियम के मुताबिक सांसद, विधायक और विधान पार्षद अपनी पसंद के अनुसार पुलिसकर्मियों की तैनाती का अनुरोध कर सकते हैं। सांसद और विधायकों के साथ प्रतिनियुक्त अंगरक्षकों को विरमित नहीं करने से संबंधित पुलिस मुख्यालय को कई पत्र मिले थे। जिसको देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश जारी किया है।
बता दें कि यह प्रतिनियुक्ति संबंधित सांसद-विधायक के सेवाकाल या फिर उनके द्वारा अंगरक्षक के लौटाए जाने तक ही प्रभावी है। सेवाकाल की समाप्ति या अंगरक्षक को ड्यूटी से लौटाए जाने पर प्रतिनियुक्ति स्वत: रद्द हो जाएगी। इसके बाद पुलिसकर्मी की वापसी पैतृक जिला बल में कर दी जाएगी। गृह विभाग के साल 2017 के नियम का हवाला देते हुए पुलिस मुख्यालय ने ऐसे अंगरक्षकों को स्थानांतरण नहीं करने का फैसला लिया है।