नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज में शुरू हुआ डॉक्टरों का दो दिवसीय सम्मेलन: अस्पतालों में सुरक्षित इलाज पर गहन चर्चा

नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज में शुरू हुआ डॉक्टरों का दो दिवसीय सम्मेलन: अस्पतालों में सुरक्षित इलाज पर गहन चर्चा

PATNA: ऐसे कई वाकये सामने आये हैं, जब कोई मरीज किसी अस्पताल में अपना इलाज कराने जाता है और वहां किसी और इन्फेक्शन का शिकार हो जाता है. मरीजों को इस खतरे से बचाने के लिए डॉक्टरों ने पहल की है. पूरे देश के डॉक्टर पटना के बिहटा स्थित नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जुटे हैं, जहां शुक्रवार से दो दिनों का MICROCON-2024 सम्मेलन शुरू हुआ.


समारोह का उद्घाटन करते हुए बिहार यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के वीसी एस. एन. सिन्हा ने कहा कि अस्तपपाल में होने वाला इंफेक्शन चिकित्सा जगत के लिए बेहद चिंता का विषय है. उन्होंने अस्पताल जनित इंफेक्शन के खतरों पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि इससे निपटने के लिए नई रणनीति तैयार करनी होगी. उन्होंने कहा कि दुनिया में चिकित्सा के क्षेत्र में लगातार बदलाव हो रहे हैं. ऐसे में अस्तपाल जनित इंफेक्शन के समाधान के लिए आधुनिक उपचार विधियों को प्रयोग में लाना होगा और डॉक्टरों को समर्पित होकर कोशिश करनी होगी.


माइक्रोबायोलॉजी के डाक्टरों के इस सम्मेलन के मुख्य संरक्षक और नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष एम. एम. सिंह और मेडिकल कॉलेज के प्रबंध निदेशक कृष्ण मुरारी ने कहा कि नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज अस्पताल को इस कार्यक्रम का आयोजन करते हुए अपनी जिम्मेवारी का अहसास है. डॉक्टरों का ये सम्मेलन बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल साबित होगा. कृष्ण मुरारी ने कहा कि इस सम्मेलन से अस्पताल-जनित संक्रमणों की रोकथाम के लिए नये रास्ते निकल कर सामने आयेंगे और चिकित्सकों को इनसे निपटने के नए दृष्टिकोण और समाधान मिलेंगे. उन्होंने कहा कि हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि हमारे अस्पताल इलाज के दौरान सही प्रोटोकॉल का पालन करें और मरीजों को सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें.


इस कार्यक्रम का आयोजन IAMM बिहार चैप्टर की अध्यक्ष डॉ. नम्रता कुमारी  और सचिव डॉ. प्रियंका नारायण के नेतृत्व में किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन चिकित्सा विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर अस्पताल जनित संक्रमण के प्रति जागरूकता फैलाने और इसके समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने में सहायक साबित होगा.


उद्घाटन समारोह में नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के प्राचार्य डॉ. अशोक शरण, संयुक्त निदेशक डॉ. अरविंद प्रसाद और डॉ. रामजी प्रसाद, डीन डॉ. हरिहर दीक्षित, अस्पताल अधीक्षक डॉ. अजीत गुप्ता भी उपस्थित रहे. माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. मुकेश कुमार  ने बताया कि यह सम्मेलन की बदलती चुनौतियों पर केंद्रित है और चिकित्सा की नयी विधि के लिए प्रेरणा देगा. सह-सचिव डॉ. अनुपमा सिंह ने इसे चिकित्सा विज्ञान में एक मील का पत्थर बताते हुए कहा कि यह आयोजन बीमारी के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है.


सम्मेलन से पहले 19 सितंबर 2024 को नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल  बिहटा और IGIMS, पटना में दो प्री-कॉन्फ्रेंस वर्कशॉप आयोजित किए गए. इस अवसर पर डॉ. यशवंत कुमार सिंह, डॉ. प्रभात कुमार, डॉ. शिवेंद्र कुमार शाही, डॉ. शंकर प्रकाश, डॉ. हरिलाल महतो, डॉ. उमेश शर्मा, डॉ. सुरेश नरायण शर्मा, डॉ. अनिमा एक्सेस, डॉ. सतेन्द्र एन सिंह, डॉ. रंजन कुमार श्रीवास्तव जैसे जानेमाने चिकित्सकों को माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की ओऱ से सम्मानित किया गया. 


सम्मलेन में आज प्रोफेसर (डॉ.) चंद्र वाटल,प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी, इंस्टीट्यूट ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एवं इम्यूनोलॉजी, सर गंगा राम अस्पताल,नई दिल्ली, प्रोफेसर (डॉ.) विकास मनचंदा, प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी, MAMC ,नई दिल्ली, प्रोफेसर (डॉ.) प्रातिमा गुप्ता, प्रोफेसर एवं प्रमुख, माइक्रोबायोलॉजी, एआईआईएमएस देवघर, डॉ. मधुरी सोमानी, सलाहकार माइक्रोबायोलॉजिस्ट और ICO, पीएसआरआई,नई दिल्ली, प्रोफेसर (डॉ.) मालिनी आर. कपूर प्रोफेसर, माइक्रोबायोलॉजी, वीएमएमसी एवं एसजेएच, दिल्ली जैसे प्रसिद्ध चिकित्सकों ने अपने विचार रखे.