नए साल में बिहार की सियासत को और ज्यादा गरमाएंगे कुशवाहा, मकर संक्रांति पर मास्टर स्ट्रोक खेलने जा रहे

नए साल में बिहार की सियासत को और ज्यादा गरमाएंगे कुशवाहा, मकर संक्रांति पर मास्टर स्ट्रोक खेलने जा रहे

PATNA : पूर्व मंत्री और आरजेडी के विधायक सुधाकर सिंह के बहाने तेजस्वी यादव से सवाल पूछने वाले जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने नए साल में बिहार की सियासत को गरमा रखा है। बिहार में तापमान भले ही लगातार नीचे जा रहा हो लेकिन सियासी पारा अगर चढ़ा हुआ है तो इसके पीछे सबसे बड़ी वजह उपेंद्र कुशवाहा हैं। उपेंद्र कुशवाहा फिलहाल जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं और नीतीश कुमार को लेकर आरजेडी विधायक की टिप्पणी के बहाने उन्होंने तेजस्वी से सवाल पूछ खुद को चर्चा में ला दिया है। हर तरफ कुशवाहा की चर्चा हो रही है लेकिन फर्स्ट विहार आपको बताने जा रहा है कि कुशवाहा इससे एक कदम और आगे बढ़ कर नए साल में सियासी सरगर्मी को और बढ़ाने की तैयारी में जुट गए हैं।


उपेंद्र कुशवाहा की राजनीति बेहद अप्रत्याशित रही है। कुशवाहा कब कौन सा फैसला कर लें यह कोई नहीं जानता। 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार ने कुशवाहा को इस बात के लिए राजी कर लिया कि वह अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जेडीयू में विलय कर दें। इसके बाद नीतीश ने उन्हें पार्टी के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष बनाया। तब राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा होती रही कि कुशवाहा नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी हो सकते हैं। यह वह दौर था जब आरसीपी सिंह नीतीश कुमार से दूर जा रहे थे और कुशवाहा नजदीक आ चुके थे लेकिन अचानक से बिहार में सियासी समीकरण बदला और तेजस्वी नीतीश के साथ आ गए। नीतीश अब खुले तौर पर यह कहते नहीं थकते कि तेजस्वी को ही आगे सब कुछ संभालना है। ऐसे में कुशवाहा के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपनी राजनीति को जिंदा रखने की है। नीतीश कुमार के सम्मान के सवाल पर ही कुशवाहा ने इस बार तेजस्वी को घेरा है।


फर्स्ट बिहार को जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक उपेंद्र कुशवाहा 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति के मौके पर बिहार में राजनीतिक जुटान करने की तैयारी में हैं। पटना में कुशवाहा दही-चूड़ा भोज का आयोजन करेंगे। ऐसा नहीं है कि बिहार में पहली बार इस तरह का आयोजन हो रहा है, इसके पहले भी राजनेताओं की तरफ से दही-चूड़ा भोज का आयोजन होता रहा है लेकिन कुशवाहा का यह आयोजन कई मायनों में खास होगा। अगर जेडीयू की बात करें तो पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह अरसे से दही चुडा भोज का आयोजन करते रहे हैं। ऐसे में कुशवाहा अगर अपनी तरफ से ऐसे भोज का आयोजन करने जा रहे हैं तो इसका मकसद कहीं न कहीं सियासी भी हो सकता है। जानकार बता रहे हैं कि कुशवाहा की तरफ से आयोजित होने वाले इस दही चुडा भोज में जेडीयू के तमाम सांसदों और विधायकों के अलावे समता पार्टी के दौर से जुड़े रहे पुराने नेताओं कार्यकर्ताओं और समर्थकों को भी न्योता दिया जाएगा। इतना ही नहीं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के दौर से जो लोग कुशवाहा के साथ जुड़े रहे उन्हें भी इस दावत में शामिल होने के लिए बुलाया जाएगा, यानी कुल मिलाकर उपेंद्र कुशवाहा मकर संक्रांति के मौके पर सूर्य की दिशा बदलने के साथ बिहार की सियासी दिशा को कहीं न कहीं प्रभावित करने की कोशिश करेंगे।