ARARIYA : बिहार सरकार पूर्व मंत्री और राजद के सांसद रहे सरफराज आलम पर बड़ी कार्रवाई हुई है। इनके ऊपर 26 साल पुराने अपहरण के मामले में कोर्ट के तरफ से सुनवाई करते हुए इनको न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया है। अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम सह स्पेशल एमपी, एमएलए कोर्ट के जज ने सुनवाई करते हुए इन्हें तुरंत बेल देने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही इस मामले में अगली सुनवाई की तिथि 9 जनवरी निर्धारित की गई है।
बता दें कि, कोर्ट ने एसपी से पूर्व सांसद के विरुद्ध चल रहे तमाम लंबित मामले की जानकारी भी मांगी है। वैसे यह मामला पूर्व सांसद पर 26 साल से मामला चल रहा है और लंबे समय से वारंट भी निर्गत है। कोर्ट से उन्हें बेल भी नहीं मिला था। इसके बाद भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया इसलिए पुलिसिया कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहा है।
दरअसल, राजद के पूर्व सांसद सरफराज आलम 26 साल पुराने अपहरण के एक मामले में न्यायालय में उपस्थित हुए थे। इनके ऊपर 1996 में अपहरण का एक मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में वह 26 साल से फरार चल रहे थे। इनके ऊपर भरगामा प्रखंड के सिरसिया कला के रहने वाले शंकर कुमार झा उर्फ सकल झा ने अपहरण करने का मामला अररिया थाना में कांड संख्या 175/ 96 के तहत दर्ज कराया था।
सकल झा ने कहा था कि 15 मई 1996 को वे पथ प्रमंडल अररिया के इंजीनियर नवीन कुमार सिंह के अररिया एडीबी चौक स्थित आवास पर सोए हुए थे क्योंकि नवीन कुमार सिंह पूर्णिया गए थे। उनकी पत्नी व बच्चे अकेले थे इसलिए वे उनके घर में सोए थे। इसी दौरान सरफराज आलम चार-पांच लोगों के साथ बाइक से आ धमके और गाली गलौज, मारपीट करते हुए उन्हें मोटरसाइकिल पर बिठाकर उनका अपहरण कर लिया। इसके बाद मोटरसाइकिल पर बैठा कर चरघरिया नदी के पास ले गए जहां उन्हें कोई मार देने तो कोई छोड़ देने की बात कर रहा था।
इसके बाद सकल झा को मोटरसाइकिल पर बिठाकर टाउन हॉल के पास छोड़ दिया गया था। जिसके बाद इनके खिलाफ कुर्की जब्ती का भी आदेश जारी हुआ था। जानकारी हो कि, सरफराज आलम बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज आलम के बड़े भाई हैं, लेकिन दोनों के बीच राजनीतिक विवाद चल रहा है। 26 साल पुराने अपहरण के मामले के साथ-साथ चार अन्य मामले भी अलग-अलग थाने में दर्ज हैं. यह मामला भी न्यायालय में लंबित है।