DESK : आज नवरात्रि का छठा दिन है और आज मां कात्यायनी की पूजा की जा रही है. मां कात्यायनी शक्ति स्वरूपा मां दुर्गा की छठी अवतार हैं. शास्त्रों में कहा गया है कि मां कात्यायनी, कात्यायन ऋषि की पुत्री थीं, जिसके कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ा.
मां कात्यायनी अमोघ फलदायिनी मानी गई हैं. ऐसी मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा की जाए तो विवाह में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. कोई भी भक्त अगर सच्चे मन से मां की आराधना करे तो मां की आज्ञा से व्यक्ति को चक्र जाग्रति की सिद्धियां मिल जाती हैं. सिर्फ यही नहीं, व्यक्ति रोग, शोक, संताप और भय से भी मुक्ति पाता है.
इस मंत्र जप से प्रसन्न होती हैं मां..
चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी॥
2.ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
पूजन विधि...
माता कात्यायनी की पूजा में लाल या पीले वस्त्र धारण करके उनका पूजन करना चाहिए. पूजा की थाली में कुमकुम, अक्षत, हल्दी, मेंहदी समेत सभी पूजन सामग्री और वस्त्र समर्पित करें. देवी मां को हल्दी की 3 गांठ अर्पित करें फिर उन्हे अपने पास रख लें. माता को शहद प्रिय है उसे भी मां को समर्पित करना चाहिए. माता को पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करना चाहिए.