PATNA : बिहार में स्थानीय निकाय कोटे से कुल 24 सीटों पर विधान परिषद का चुनाव संपन्न हुआ लेकिन ने 24 सीटों पर जीत हासिल करने वाले नवनिर्वाचित विधान पार्षदों को लेकर मीडिया में बड़ी दिलचस्प रिपोर्ट दी है. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 24 में से 9 विधान पार्षद ऐसे हैं जिनकी शैक्षणिक योग्यता आठवीं से लेकर 12वीं तक है. केवल एक ऐसे चेहरें हैं जो साक्षर हैं, जबकि बाकी के 14 स्नातक या उससे ज्यादा की पढ़ाई कर चुके हैं.
हालांकि शिक्षा के पैमाने पर जहां नवनिर्वाचित एमएलसी थोड़े कमजोर दिखते हैं वहीं आर्थिक पैमाने पर यह ज्यादा सशक्त आपराधिक मामलों में तो इनके पास जबरदस्त रिकॉर्ड है. एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि 249 निर्वाचित विधान पार्षदों में से 15 ऐसे चेहरे हैं जिनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं. यह नवनिर्वाचित विधान पार्षदों का 63 फ़ीसदी हिस्सा हुआ. विधान पार्षदों ने अपने ऊपर चल रहे आपराधिक मामलों की जानकारी सार्वजनिक की है. ऐसे विधान पार्षद हैं जिन्होंने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामलों की जानकारी दी है.
इन विधान पार्षदों के ऊपर हत्या, हत्या का प्रयास, चोरी, रिश्वतखोरी के साथ-साथ अन्य तरह के अपराध शामिल है. एक विधान पार्षद ने अपने ऊपर हत्या से संबंधित मामला और चार ने हत्या के प्रयास से संबंधित मामला घोषित किया है. अगर दलीय आधार पर देखें तो बीजेपी के सात में से चार विधान पार्षदों के ऊपर आपराधिक मामले हैं. आरजेडी के 6 में से 5 और जेडीयू के 5 में से 3 विधान पार्षदों के ऊपर अपराधिक मामले हैं.
अब बात मैं विधान पार्षदों की संपत्ति को लेकर कर लें. जीत हासिल करने वाले सभी 24 विधान पार्षद करोड़पति हैं. इनकी तरफ से संपत्ति को लेकर जो जानकारी दी गई है वह बताती है कि हर विधान पार्षद की औसत संपत्ति 75.63 करोड़ है. दलीय आधार पर अगर संपत्ति के पैमाने को देखें तो बीजेपी के सात विधान पार्षदों की औसत संपत्ति ₹49.86 तो राजद 6 पार्षदों की औसत संपत्ति 23 करोड़ और जेडीयू के 5 विधान पार्षदों की औसत संपत्ति 26 करोड़ के आसपास है. हालांकि चार निर्दलीय विधान पार्षदों की औसत संपत्ति 282 करोड़ है. बिहार इलेक्शन वॉच औरएडीआर की तरफ से यह रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है.