PATNA : सरकारी नौकरी और ठेके में चरित्र प्रमाण पत्र को लेकर नीतीश सरकार ने जो नया आदेश जारी किया उसके बाद खूब हो-हल्ला मचा. अब सरकार ने इस मामले में सफाई दी है. सरकार की तरफ से गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और डीजीपी ने संयुक्त प्रेस वार्ता करते हुए गृह विभाग के आदेश पर सफाई दी है.
सरकार की तरफ से 25 जनवरी को गृह विभाग ने यह आदेश जारी किया था जिसके बाद 1 फरवरी को बीजेपी ने एक पत्र जारी किया. सरकार ने यह तय किया कि सरकारी नौकरी और ठेके में योग्यता के लिए कैरेक्टर सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा. अगर किसी तरह के धरने प्रदर्शन या अन्य सरकार विरोधी आंदोलन में शामिल हुए तो वैसी स्थिति में नौकरी या ठेके से हाथ गंवाना पड़ सकता है. सरकार के इस फैसले को लेकर खूब फजीहत हुई थी और विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया था अब अपर मुख्य गृह सचिव और डीजीपी ने इस मामले पर सफाई दी है.
आमिर सुबहानी ने कहा है कि लोकतंत्र में व्यक्तिगत स्वतंत्रता की आजादी होती है और इसके तहत शांतिपूर्ण तरीके से धरना प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई है. सरकार की मंशा कहीं से भी ऐसी नहीं है कि लोकतंत्र में मिले अधिकारों का हनन किया जाए. अधिकारियों की प्रेस वार्ता के दौरान एडीजी मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने कहा कि साल 2006 और 2020 में का प्रपत्र के अंदर कैरेक्टर सर्टिफाई करने के लिए जिन बातों का उल्लेख किया गया है उसी से जुड़ा यह तीसरा पत्र जारी किया गया इसे लेकर लोगों के बीच भ्रम पैदा हुआ.