PATNA: 10 जुलाई से शुरू हो रहे बिहार विधानसभा सत्र से पहले बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक का आज मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने बहिष्कार कर दिया. भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाये. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विधानसभा में कर्मचारियों की नियुक्ति के नाम पर मोटी उगाही हो रही है. अध्यक्ष से पूछा जा रहा है कि किस आधार पर बहाली हुई लेकिन वे जवाब नहीं दे पा रहे हैं.
बता दें कि 10 जुलाई से बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. सत्र से पहले सभी दलों की बैठक होती है. बीजेपी की ओर से बैठक में शामिल होने पहुंचे नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इसका बहिष्कार कर दिया. बैठक से बाहर निकल आये विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार विधानसभा में कर्मचारियों की बहाली में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. कर्मचारियों की नियुक्ति कर्मचारी चयन आयोग या बीपीएससी के जरिये होनी चाहिये थी. लेकिन विधानसभा ने खुद बहाली की और उसमें जमकर उगाही हुई.
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि उन्होंने विधानसभा में हुई बहाली को लेकर अध्यक्ष को पत्र लिखा था. उनसे पूछा था कि किस आधार पर बहाली की गयी. लेकिन अध्यक्ष ने कोई जवाब नहीं दिया. अध्यक्ष ने आज की बैठक में भी कुछ बोलने से इंकार कर दिया. ऐसे में बैठक में शामिल होने का क्या मतलब रह जाता है.
भाजपा ने कहा कि सरकार सदन में जनता के मुद्दे उठने नहीं देना चाहती. सरकार एजेंडा तय करती है और विधानसभा अध्यक्ष उसे लागू करते हैं. विपक्ष की ओर से पूछे जा रहे एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया जाता. नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि उन्होंने पिछली बैठक की प्रोसिडिंग मांगी ताकि ये सच उजागर हो कि पिछली बार सरकार ने क्या कहा था और उसे पूरा नहीं किया. लेकिन प्रोसिडिंग भी नहीं दिया गया. भाजपा ने कहा कि बिहार में शासन पूरी तरह से चौपट हो चुका है. शिक्षा विभाग में मचा घमासान लोगों के सामने है. बढते अपराध और भ्रष्टाचार से लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. ऐसे तमाम मुद्दों को विधानसभा के सत्र के दौरान उठाया जायेगा.