MUZAFFARPUR : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और मंत्री रामसूरत राय के बीच नाराजगी को लेकर बिहार की राजनीत गर्म हो गई है। मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश करने के बाद मंत्री रामसूरत राय पटना छोड़कर अपने मुजफ्फरपुर आवास पर चले गए हैं। उन्होंने अपना मोबाइल भी स्वीच ऑफ कर दिया है और वे किसी से बातचीत नहीं कर रहे हैं। इसी बीच डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद रविवार को रामसूरत राय से मिलने के लिए उनके मुजफ्फरपुर स्थित आवास पर पहुंच गए। ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री से नाराज चल रहे भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय को मनाने के लिए डिप्टी सीएम उनके घर पहुंचे थे।
रामसूरत राय के आवास पर डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद करीब आधे घंटे तक रूके। रामसूरत राय ने फूलों का गुल्दस्ता भेंट कर डिप्टी सीएम का स्वागत किया। इस दौरान दोनों के बीच थोड़ी देर के लिए अकेले में बात भी हुई। इसके बाद डिप्टी सीएम दरभंगा के लिए रवाना हो गए। डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद और मंत्री रामसूरत राय के बीच क्या बातचीत हुए फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है, हालांकि इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।
दरअसल, सीएम नीतीश कुमार ने बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग में बड़े खेल को पकड़ने के बाद सारे तबादलों पर रोक लगा दिया था। शनिवार को राजस्व और भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने एलान कर दिया कि अब विभाग चलाना बेवकूफी है। उन्होंने कह दिया था कि अब वे जनता की कोई शिकायत नहीं सुनेंगे। मंत्री ने विधायकों को भी कह दिया था कि अगर काम कराना है तो सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास जाएं।
बता दें कि शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में हुए ट्रांसफर-पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर गड़बडी पकड़ी थी। 30 जून की रात राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 149 सीओ, 27 सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी और दो चकबंदी पदाधिकारियों का ट्रांसफर-पोस्टिंग किया था। मुख्यमंत्री ने इस तबादले पर रोक लगाते हुए इसकी समीक्षा के आदेश दिये थे। आरोप है कि ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर पैसे का खेल हुआ। सीओ के लिए तीन साल का कार्यकाल तय है लेकिन समय से पहले ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया। ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर जातिवाद होने का भी आरोप लगा।