ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: दिनदहाड़े कार सवार व्यवसायी से 5 लाख की लूट, फ़िल्मी अंदाज में दिया गया वारदात को अंजाम Bihar Crime News: भतीजी की शादी से पहले चाचा की मौत, संदिग्ध अवस्था में शव बरामद Bihar News: बारिश के बाद भी खुले रहेंगे बालू घाट! बालू माफियाओं की खैर नहीं, डिप्टी सीएम ने किया बड़ा ऐलान Bullet train in Bihar: बिहार के इस जिले से गुजरेगी बुलेट ट्रेन, जमीन अधिग्रहण को लेकर आई बड़ी अपडेट PK Sahu Bsf jawan: सीमा पार कर गए BSF जवान PK साहू पाकिस्तान से लौटे सुरक्षित, भारत ने भी पाक रेंजर को सौंपा Bihar News: पटना एयरपोर्ट पर शहीद रामबाबू को तेजस्वी की श्रद्धांजलि, कहा "सेना का कोई भी जवान हो, उसे मिले शहीद का दर्जा, अमित शाह को लिखूंगा चिट्ठी" CBSE 12th Result 2025 : गया की बेटी ने ने CBSE 12वीं कॉमर्स में 98.8% लाकर मचाया धमाल, बनी पटना रीजन की कॉमर्स टॉपर Alia Bhatt: सोशल मीडिया पर क्यों हो रही आलिया भट्ट की फजीहत, अभिनेत्री ने कान्स डेब्यू भी किया कैंसिल? Trump mediation India Pakistan Ceasefire: ट्रंप की दोबारा मध्यस्थता की कोशिश: बोले- भारत-पाकिस्तान साथ डिनर करें, भारत ने सख्ती से खारिज किया Anita Anand: गीता की शपथ ले कनाडा की पहली हिंदू महिला विदेश मंत्री बनी अनीता आनंद, किया बेहतर दुनिया का वादा

नंदकिशोर को कड़ी टक्कर देने वाले संतोष मेहता ने RJD से दिया इस्तीफा, इसबार टिकट नहीं मिलने से थे नाराज

1st Bihar Published by: Badal Updated Sun, 17 Jan 2021 09:06:59 PM IST

नंदकिशोर को कड़ी टक्कर देने वाले संतोष मेहता ने RJD से दिया इस्तीफा, इसबार टिकट नहीं मिलने से थे नाराज

- फ़ोटो

PATNA :  राजधानी पटना के पूर्वी हिस्से वाली विधानसभा सीट यानी कि पटना साहिब से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ चुके संतोष मेहता ने पार्टी छोड़ दी है. संतोष मेहता ने प्रदेश महासचिव और पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. साल 2015 में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और पटना साहिब के विधायक नंदकिशोर यादव को कड़ी टक्कर देने वाले संतोष मेहता इस बार टिकट नहीं मिलने से काफी नाराज चल रहे थे. 


पटना के डिप्टी मेयर रहे संतोष मेहता को पार्टी में बड़ा पद दिया गया था. राजद ने इन्हें प्रदेश महासचिव बनाया था. अपने पद से इस्तीफा देते हुए संतोष मेहता ने लिखा कि "साल 1995 से 2010 तक राजद के किसी भी प्रत्याशी ने 32000 वोट भी नहीं लाया. लेकिन जब मैं पटना साहिब से 2015 के चुनावी मैदान में उतरा तो मुझे कुल 85,316 वोट मिले थे." 


आपको बता दें कि पटना साहिब सीट पर ढाई दशक से भारतीय जनता पार्टी का भगवा झंडा ही लहराता रहा है. 1995 में नंदकिशोर यादव वहां से पहली बार जीतकर विधान सभा पहुंचे. उसके बाद आज तक इस सीट पर कोई दूसरा उम्मीदवार नहीं जीत सका. 2015 के बिहार विधान सभा चुनाव में जब लालू यादव और नीतीश कुमार ने गठजोड़ कर महागठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था, तब भी नंदकिशोर यादव यहां से अपनी गाड़ी खींचने में कामयाब रहे. उन्होंने बहुत ही कम मतों के अंतर से राजद के संतोष मेहता को पटखनी दी थी. यादव को 88,108 वोट मिले थे जबकि मेहता को 85,316 वोट मिले थे. बीजेपी को कुल 46.89 फीसदी जबकि राजद को 45.40 फीसदी वोट मिले थे.


इस सीट पर वैश्य, कोयरी-कुर्मी और यादव  मतदाताओं की बहुलता है. मुस्लिमों की भी अच्छी आबादी है. साढ़े तीन लाख वोटर वाले इस क्षेत्र में वैश्य समाज का 80 हजार वोट है. यादवों का वोट भी 50 हजार से ज्यादा है. कोयरी का वोट 48 हजार और कुर्मी वोट 16 हजार के करीब है. करीब 43 हजार वोट मुस्लिमों के हैं. इलाके में 54 फीसदी पुरुष वोटर हैं. वैश्य, कोयरी, कुर्मी एनडीए के परंपरागत वोटर रहे हैं.


संतोष मेहता ने अपने इस्तीफा में लिखा है कि "इसबार के चुनाव में महागठबंधन के नाम पर ये सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी गई. जिसके कारण मैं राजद के नेतृत्व के इस फैसले से काफी आहत हूं. इसलिए मैं राजद की सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं."