नंदीग्राम हारकर भी बनी मुख्यमंत्री, लेकिन विधानसभा पहुंचने के लिए अब भवानीपुर आएंगी ममता

नंदीग्राम हारकर भी बनी मुख्यमंत्री, लेकिन विधानसभा पहुंचने के लिए अब भवानीपुर आएंगी ममता

DESK : ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में जीत की हैट्रिक लगाकर एक बार फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल कर ली. बीजेपी को पटखनी देने के बाद ममता फीलगुड में हैं लेकिन नंदीग्राम सीट से खुद ममता बनर्जी अपना चुनाव हार गई थी. अब एक बार फिर ममता बनर्जी ने अपनी पुरानी परंपरागत सीट भवानीपुर से चुनाव लड़ने का फैसला किया है. जीत का रास्ता साफ करने के लिए इस सीट से उनकी पार्टी के मौजूदा विधायक सोहन देव चट्टोपाध्याय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके इस्तीफे के बाद अब इस सीट पर चुनाव होगा और ममता यहां से उम्मीदवार होंगी.


भवानीपुर विधानसभा सीट से जीत कर आए शोभन देव भट्ट चट्टोपाध्याय का इस्तीफा विधानसभा के स्पीकर विमान बनर्जी ने तत्काल कबूल भी कर लिया है.  स्पीकर ने कहा है कि मैंने उनसे पूछा कि वह खुद इस्तीफा दे रहे हैं और उनके ऊपर कोई दबाव तो नहीं है.  आत्म संतुष्टि होने के बाद मैंने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. अब उपचुनाव में यह तय है कि ममता बनर्जी हे तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी. ममता विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकी थी.  नियमों के मुताबिक उन्हें 6 महीने के अंदर किसी विधानसभा क्षेत्र से चुनकर सदन में पहुंचना है. यह बात पहले से तय मानी जा रही थी कि ममता बनर्जी के लिए उनकी पार्टी के कोई विधायक अपनी स्ट्रीट छोड़ेंगे और अब ममता बनर्जी एक बार फिर अपनी परंपरागत विधानसभा सीट भवानीपुर से चुनाव लड़ने को तैयार हैं. 


आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान ममता बनर्जी ने भवानीपुर सीट को छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया था.  नंदीग्राम में उनको अपने पुराने सहयोगी रहे शुभेंदु अधिकारी से हार का सामना करना पड़ा था. नंदीग्राम में हार के बावजूद ममता मुख्यमंत्री तो बन गई लेकिन उनके इस जीत में एक की स्थिति रही कि वह नंदीग्राम से चुनाव हार गई. लेकिन अब ममता एक बार फिर भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ने को तैयार हैं.  चुनाव आयोग चुनाव की घोषणा कब करता है. इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं फिलहाल कोरोना वायरस के कारण बहुत जल्द चुनाव की तारीखों का ऐलान होगा इसकी उम्मीद नहीं है.