Bihar News: दर्दनाक हादसे में दो लोगों की मौत, पुल से नदी में गिरा तेज रफ्तार ट्रैक्टर दरभंगा में मेहंदी सेरेमनी में हर्ष फायरिंग, डांसर की गोली लगने से मौत Bihar News: झगड़ा देखने की ललक साबित हुई जानलेवा, युवक को सीने में गोली लगने के बाद मचा कोहराम Bihar News: 3 कमरे का घर और 3 करोड़ का बिल, बिजली विभाग के नए कारनामें की राज्य भर में चर्चा Bihar News: सड़क दुर्घटना में युवक की मौत, गुस्साई भीड़ ने सफारी को किया आग के हवाले PM Awas Yojana: बिहार में पीएम आवास योजना में वसूली का खेल! ऑनलाइन 12 हजार लेने के बाद भी नहीं मिला लाभ; स्क्रीनशॉट वायरल Bihar Politics: शकील अहमद ने खोले सीएम चेहरे पर पत्ते, इस दिन होगा फैसला! Patna Crime News: पटना का बड़ा कारोबारी तीन दिनों से लापता, अनहोनी की आशंका से सहमे परिजन Court Decision: पत्नी और बच्चों को जिंदा जलाने वाले दरिंदे को कोर्ट से फांसी, सास को उम्रकैद Vande Bharat Express Train: लापरवाही की हद! वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्री के नास्ते में परोस दिया कीड़ा, पटना से हावड़ा जा रही थी ट्रेन
1st Bihar Published by: Pranay Raj Updated Thu, 18 Feb 2021 07:40:00 PM IST
NALANDA : एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सबको हैरान कर दिया है. दरअसल चोरी के आरोप में जेल जा चुके एक युवक ने बिहार दरोगा की प्राथमिक और मुख्य परीक्षा पास कर ली है. मामला नालंदा जिले का है. किशोर न्याय परिषद के प्रधान न्यायाधीश मानवेन्द्र मिश्रा ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आरोपी युवक को किशोरावस्था में किए गए अपराध दोष से मुक्त कर दिया है. जिसकी काफी सराहना हो रही है.
मामला नालंदा जिले के हिलसा का है. जहां एक आरोपी युवक ने जिला किशोर न्याय परिषद के समक्ष अपना बिहार पुलिस अवर सेवा मुख्य परीक्षा में उत्तीर्ण होने का परीक्षाफल दिखाते हुए आचरण प्रमाण पत्र में इस आरोप के दर्ज होने पर करियर बर्बाद होने की चिंता जताई. जिसके बाद प्रधान दंडाधिकारी ने उसके हक में यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया. आरोपी ने किशोर न्याय परिषद के समक्ष उपस्थित होकर कहा कि 14 साल से कम उम्र में मेरे ऊपर चोरी का एकमात्र आरोप पुलिस के अनुसंधान पदाधिकारी द्वारा लगाया गया है. मैं निर्दोष हूं. वहीं इसके अलावा मुझपर अन्य कोई आरोप नहीं हैं. यदि मुझे दोष मुक्त नहीं किया गया तो मैं दारोगा बनने से वंचित हो सकता हूं. एसपी द्वारा जारी चरित्र प्रमाण पत्र में मेरे ऊपर लगे आरोप का जिक्र कर दिया जाएगा और मुझे दारोगा की नौकरी से अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा.
इन सभी बिंदुओं पर किशोर न्याय परिषद के प्रधान न्यायाधीश मानवेन्द्र मिश्रा ने मानवीय दृष्टिकोण से विचार किया और कौशल को चोरी के आरोप से दोष मुक्त कर दिया. उन्होंने फैसले में लिखा कि चूंकि आरोपी के साथ चार अन्य वयस्क आरोपियों के नाम भी चोरी में शामिल हैं, इसलिए यह संभव है कि उन चारों ने आरोपी पर दबाव बनाया या भय या लोभ देकर इस घटना में शामिल कराया.
उन्होंने फैसले में लिखा कि यह सम्भव है, कौशल का किशोर मन उन चारों के प्रभाव में आकर भटक गया हो. उस एक मात्र घटना के बाद इस पर कभी भी किसी तरह के अपराध में शामिल रहने के आरोप नहीं लगे. अब जब कौशल कड़ी मेहनत कर दारोगा बनने के लिए अंतिम टेस्ट देने वाला है, इसलिए उन्हें भविष्य संवारने का मौका देते हुए दोष मुक्त किया जाता है.
उन्होंने नालंदा एसपी को फैसले की कॉपी भेजते हुए कहा है कि चूंकि कौशल दोषमुक्त हो चुका है, इसलिए आचरण प्रमाण पत्र जारी करने में उस पर लगे आरोप का जिक्र न हो. आपको बता दें कि आरोपी के ऊपर 2009 में गांव के ही मोबाइल के दुकान के सिम कार्ड, डेटा केबल चार्जर समेत चोरी के कई सामान रखने का आरोप लगा था. उस वक्त आरोपी युवक मैट्रिक का छात्र था, उस वक्त उस पर हिलसा की एक मोबाइल दुकान में चोरी करने का आरोप थाना के अनुसंधान पदाधिकारी ने गठित किया था.
चोरी का मामला अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध दर्ज हुआ था. लेकिन केस के अनुसंधानकर्ता ने पाया कि मोबाइल दुकान से सिम, चार्जर, कैलकुलेटर, डेटा केबल, रिचार्ज कूपन आदि की चोरी में चार वयस्क अपराधियों के साथ 14 वर्षीय कौशल भी शामिल था. हिलसा के अनुमंडल दंडाधिकारी ने किशोर के मामले को अलग से सुनवाई करने के लिए जिला किशोर न्याय परिषद के समक्ष भेज दिया.