नालंदा में बोले मंत्री श्रवण कुमार..हर एक व्यक्ति को दी जाएगी सुरक्षा..भला संजय जायसवाल को कैसे छोड़ा जाएगा?

नालंदा में बोले मंत्री श्रवण कुमार..हर एक व्यक्ति को दी जाएगी सुरक्षा..भला संजय जायसवाल को कैसे छोड़ा जाएगा?

NALANDA: केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर हुए बवाल पर बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि इस स्कीम को लेकर राज्य के नौजवान उग्र हैं। इस पर भारत सरकार को सोचना चाहिए। पिछले चार दिनों से हो रहे हंगामे और उग्र प्रदर्शन पर कहा कि राष्ट्र की संपत्ति का नुकसान हर व्यक्ति का नुकसान है। इस तरह की हिंसा की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। 


वही इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य के एक-एक व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान की जाएगी। वही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के आरोप पर उन्होंने कहा कि संजय जायसवाल जी तो किसी पोलिटिकल पार्टी के राज्याध्यक्ष हैं भला उनकों कैसे छोड़ा जाएगा। सरकार हर व्यक्ति की सुरक्षा की गारंटी करती है। 


मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि राज्य में अमन और शांति के लिए बिहार में कानून का राज स्थापित है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार काम कर रही है। विरोध करने वालों से यह अपील करना चाहते है कि राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान हर व्यक्ति का नुकसान है। इससे थोड़ा परहेज करना चाहिए। हम यह नहीं कह रहे हैं जो आंदोलन कर रहे हैं वही ये काम कर रहे हैं। हो सकता है कुछ आसामाजिक तत्व घुसकर ये काम कर रहे हो। उस पर भी नजर रखनी चाहिए।


गौरतलब है कि अग्निपथ स्कीम के विरोध में मचे बवाल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अपनी ही सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। शनिवार को मीडिया से बात करते हुए संजय जायसवाल ने कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ उतरे उपद्रवी बिहार को तबाह करने के फिराक में थे। इस दौरान पुलिस-प्रशासन गैर जिम्मेदार बना रहा। यदि पुलिस प्रशासन सचेत रहती तो उपद्रवियों पर नियंत्रण पाया जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 


BJP प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एक षड्यंत्र के तहत बीजेपी को जानबूझकर निशाना बनाया गया। पार्टी नेताओं पर हमला किया गया यही नहीं बीजेपी कार्यालयों में भी तोड़फोड़ और आगजनी की गयी लेकिन उपद्रवियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज तक नहीं की गई। यही नहीं बेतिया में डिप्टी सीएम रेणु देवी और खुद मेरे घर को भी उपद्रवियों ने निशाना बनाया। बीजेपी के प्रदेश अध्‍यक्ष संजय जायसवाल का कहना था कि यह बीजेपी के खिलाफ सुनियोजित साजिश थी। उपद्रव के दौरान बिहार सरकार भूमिका संदिग्‍ध रही। बीजेपी को टारगे‍ट किया गया जबकि पूरे देश में कभी बीजेपी के नेताओं को इस तरह से टारगेट नहीं किया गया।