PATNA: बिहार के सबसे प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में से एक ललित नारायण मिश्र इंस्टिट्यूट ऑफ इकोनॉमिक डेवलपमेंट एंड सोशल चेंज,पटना को अपने मौजूदा कैंपस से बेदखल नहीं किया जायेगा. बेली रोड में हाईकोर्ट के पास चल रहे इस संस्थान को अपनी जगह से हटाने और उसके कैंपस को पटना उच्च न्यायालय को सौंपने की याचिका खारिज कर दी गयी है. हाईकोर्ट में ये याचिका दायर की गयी थी, जिसे खारिज कर दिया गया है.
दरअसल पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की गयी थी कि ललित नारायण मिश्र इंस्टिट्यूट के कैंपस को खाली करा कर उसे हाईकोर्ट को सौंपा जाये. हाईकोर्ट को जगह की कमी है, इस इंस्टीच्यूट को हटाने से ये कमी पूरी हो जायेगी. मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश के.विनोद चंद्रन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की दो सदस्यीय बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि पटना उच्च न्यायालय को अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता है, ये एक प्रशासनिक विषय है. जरूररत पडने पर इस संबंध में राज्य सरकार से बातचीत की जायेगी.
हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि इस तरह किसी शैक्षणिक संस्थान को अपनी जगह से हटाने का निर्णय नहीं दिया जा सकता. इस पूरे मामले में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता ने पक्ष रखा. इस जनहित याचिका में पूर्व मंत्री सह विधायक नीतीश मिश्रा ने भी अपना पक्ष रखने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया था. उनकी ओर से भी कोर्ट में एफिडेविट जमा किया गया था.
पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा ने याचिका पर कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि इस संस्थान से पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.जगन्नाथ मिश्र की ढेर सारी यादें जुड़ी हुई हैं. इस संस्थान में दो पूर्व राष्ट्रपति का भी आगमन हो चुका है. इसी संस्थान में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. ललित बाबू की जयंती पर राजकीय समारोह भी आयोजित किया जाता है. साथ ही यह संस्थान अपनी गरिमा के अनुकूल प्रदेश के शैक्षणिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका भा रहा है.
नीतीश मिश्रा ने कहा है कि ललित नारायण मिश्र इंस्टिट्यूट की एक-एक ईंट से उनके परिवार की भावनाएं जुड़ी हुई हैं और इस संस्थान का हजारों छात्रों के भविष्य निर्माण में भी बड़ा योगदान रहा है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद ललित नारायण मिश्र इंस्टिट्यूट पहले की तरह ही छात्रों को बिहार और देश का बेहतर भविष्य बनाने की शिक्षा देता रहेगा.