MUZAFFARPUR: बिहार के सरकारी अस्पतालों की कार्यशैली पर आए दिन सवाल उठते रहे हैं। हाल ही में दरभंगा के डीएमसीएच में ऑपरेशन के दौरान पेट में कपड़ा छोड़ दिये जाने का मामला सामने आया था अब मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट के आधार पर मासूम बच्ची के अपेंडिक्स का ऑपरेशन डॉक्टरों ने कर दिया। ऑपरेशन के बाद बच्ची के परिजनों को यह बताया गया कि बच्ची को एपेंडिक्स नहीं था।
इतना सुनने के बाद बच्ची के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। परिजनों ने सिविल सर्जन डॉ.अजय कुमार से मिलकर इस संबंध में शिकायत दर्ज करायी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई किये जाने की मांग की है। परिजनों का कहना है कि सदर अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा मेरी बच्ची की जान से खिलवाड़ किया गया है। ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
पीड़ित नाबालिग लड़की की मां सुनीता देवी ने बताया कि उनकी बेटी को पेट में दर्द हो रहा था। सदर अस्पताल में जांच भी कराया गया। अल्ट्रासाउंड जांच कराने के बाद रिपोर्ट वहां के डॉक्टर को दिखाया गया। डॉक्टर ने कहा कि अपेंडिक्स है। जिसके बाद सर्जरी के पास गए वहां भी बोला गया कि एपेंडिक्स है। जिसके बाद आठ दिन दवा खाकर आने को कहा गया। 18 तारीख को अस्पताल में बच्ची को भर्ती कराया गया। जिसके बाद 19 तारीख को ऑपरेशन हुआ। ऑपरेशन में अपेंडिस नहीं निकला।
सिविल सर्जन डॉक्टर अजय कुमार ने बताया कि जैसा कि मरीज के द्वारा बताया गया कि अल्ट्रासाउंड कराया गया था जिसमें अपेंडिस की बात लिखी हुई थी। उसी रिपोर्ट के आधार पर सदर अस्पताल में ऑपरेशन किया गया। इस पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी गयी है। मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
मुजफ्फरपुर से मनोज कुमार की रिपोर्ट..