मुजफ्फरपुर के SDO- DSP और थानेदार को गिरफ्तार करने का आदेश, CJM कोर्ट ने जारी किया वारंट

मुजफ्फरपुर के SDO- DSP और थानेदार को गिरफ्तार करने का आदेश, CJM कोर्ट ने जारी किया वारंट

MUZAFFARPUR : पांच साल पुराने परिवाद मामले में सनुवाई करते हुए मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय के सीजेएम शशिभूषण कुमार ने मुजफ्फरपुर के तत्कालिक एसडीओ और डीएसपी के खिलाफ वारंट जारी किया है। कोर्ट ने यह सुनवाई नगर थाना इलाके के चंदवारा कमरा मुहल्ला निवासी व व्यवहार न्यायालय कर्मी सैयद इकबाल अली के साथ को किये गए मारपीट और लूट की घटना के बाद दायर किए परिवाद पर किया है। 


दरअसल, मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय में कार्यरत सैयद इकबाल अली ने सीजेएम कोर्ट में 26 जुलाई 2017 को मारपीट और लूटपाट की घटना को लेकर परिवाद दायर किया था। जिसके बाद अब इस मामले में सुनवाई करते हुए सीजेएम शशिभूषण कुमार ने मुजफ्फरपुर के तत्कालिक एसडीओ (पूर्वी) सुनील कुमार, तत्कालीन डीएसपी (नगर) आशीष आनंद और तत्कालीन नगर थानाध्यक्ष केपी सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया है।


जानकारी हो कि , इससे पहले भी सीजेएम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सभी तीनों आरोपियों के विरुद्ध 8 मई 2019 को आईपीसी की धारा-323, 324,354 में संज्ञान लेते हुए 18 सितम्बर 2019 को समन जारी किया था। समन जारी होने के बाद भी ये सभी लोग कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए थे। इसके बाद 19 नवम्बर 2022 को मामले की सुनवाई करते हुए जमानती वारंट निर्गत करने का आदेश दिया था। अब एक बार फिर से इस मामले में सुनवाई के दौरान इन तीनों के उपस्थित नहीं होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश सीजेएम ने दिया है। 



बताते चलें कि, इस मामले में प्रशासनिकअधिकारियाें के वकील अरूण शुक्ला का कहना है कि, कमरा माेहल्ला में विधि व्यवस्था संधारण के दाैरान एक ही मोहल्ले के रहने वाले दाे लाेगाें ने अलग-अलग परिवाद दायर किया था।  एक परिवाद में जिला जज ने रिवीजन वाद में तीनों पदाधिकारी का नाम अभियुक्त की सूची से हटा दिए। दूसरे परिवाद में जाे वारंट जारी हुआ है, उस मामले में भी जिला जज के यहां क्रिमिनल रिवीजन एडमिट है। . 



अरुण शुक्ला ने बताया कि जिला जज ने इस मामले को  एडीजे तीन के कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया है। इसके बाद अब इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख   9 जनवरी निर्धारित की गई है। उस दिन सीजीएम के यहां से रिकाॅर्ड मांग लिया जाएगा। कार्यालय प्रक्रिया के दाैरान इसकी सूचना सीजीएम काेर्ट काे नहीं मिल सकी थी।  सीजीएम से मिलकर पूरे प्रकरण से उन्हें अवगत कराया गया है।