मुजफ्फरपुर के कोर्ट में प्रियंका गांधी हाजिर हों: ADJ ने जारी किया नोटिस, कोर्ट पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप

मुजफ्फरपुर के कोर्ट में प्रियंका गांधी हाजिर हों: ADJ ने जारी किया नोटिस, कोर्ट पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप

MUZAFFARPUR: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को मुजफ्फरपुर की कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि प्रियंका गांधी हाजिर होकर अपना पक्ष रखें. प्रियंका गांधी के खिलाफ दायर एक परिवाद पर सुनवाई के दौरान ये आदेश दिया गया है. हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा है कि प्रियंका गांधी खुद हाजिर होकर या अपने वकील के जरिये पक्ष रख सकती हैं।


मुजफ्फरपुर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-20 अतुल कुमार पाठक की कोर्ट ने प्रियंका गांधी के खिलाफ दायर परिवाद पर सुनवाई के बाद ये आदेश जारी किया है. कोर्ट में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा की ओर से परिवाद दायर किया गया है. इसमें प्रियंका गांधी पर कोर्ट के फैसले के खिलाफ आपत्तिजनकर टिप्पणी करने का आरोप है। 


दरअसल मुजफ्फरपुर के वकील सुधीर कुमार ओझा ने प्रियंका गांधी के खिलाफ परिवाद दायर किया था. सुधीर कुमार ओझा ने 16 अगस्त, 2019 को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) के कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था. इसमें आऱोप लगाया गया था कि राजस्थान के अलवर में पहलू खां हत्याकांड में कोर्ट के फैसले को लेकर प्रियंका गांधी ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. हालांकि इस मामले की सुनवाई के बाद CJM कोर्ट ने 17 फरवरी, 2021 को इसे खारिज कर दिया था.


सुधीर कुमार ओझा ने सीजेएम कोर्ट के आदेश के खिलाफ जिला जज की कोर्ट में अपील किया था. जिला जज ने इसे सुनवाई के लिए एडीजे-20 के कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था. एडीजे-20 की कोर्ट ने प्रियंका गांधी को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है. 


क्या है मामला

दरअसल राजस्थान के अलवर के बहरोर में एक अप्रैल 2014 को पहलू खां के साथ मारपीट की गई. अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अलवर की निचली अदालत ने सुनवाई की थी. अलवर कोर्ट ने मामले के ट्रायल के बाद 14 अगस्त, 2019 को सभी अभियुक्तों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था. मुजफ्फरपुर कोर्ट के वकील सुधीर कुमार ओझा का आरोप है कि प्रियंका वाड्रा ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसकी जानकारी समाचार माध्यमों से मिलने के बाद वकील ओझा ने परिवाद दायर किया था.