PATNA : बिहार में शराबबंदी कानून को लागू करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लगातार शराबबंदी को लेकर फजीहत हो रही है. शराबबंदी के बावजूद बिहार में जहरीली शराब से लोगों की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. अब तक केवल विरोधी दल ही सरकार के ऊपर सवाल खड़े कर रहे थे लेकिन अब सरकार में शामिल दलों ने भी शराबबंदी को लेकर सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है.
मंत्री मुकेश साहनी ने पहले बिहार में शराबबंदी को असफल बताया और बिहार सरकार को हर साल होने वाले सात हजार करोड़ से ज्यादा के नुकसान की बात कही और अब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शराबबंदी के बीच जहरीली शराब से हुई मौतों के लिए सरकार के सामने बड़ी मांग रख दी है.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि जिन जिलों में शराब की वजह से लोगों की मौत हो रही है वहां के एसपी के ऊपर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए. मांझी ने नीतीश सरकार के शराबबंदी कानून पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह सोचना वाली बात है कि जब राज्य में शराबबंदी कानून लागू है तो आखिर शराब बेची कैसे जा रही है. जिन भी जिलों से जहरीली शराब मिलने का मामला सामने आया है वहां नीतीश सरकार को ठोस कार्रवाई करते हुए वहां के एसपी और पुलिस अधिकारियों पर हत्या का केस दर्ज करना चाहिए ताकि अधिकारियों में भी खौफ बना रहे.