DESK : लगातार अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे वसीम रिजवी ने हिन्दू धर्म अपना लिया है. पिछले काफी वक्त से वो ऐसे बयान देते आए हैं जिन्हें इस्लाम विरोधी और मुस्लिम विरोधी माना गया. मुस्लिम समाज ने इसको लेकर उनकी काफी आलोचना भी की है. सोमवार को गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद ने वसीम रिजवी को हिन्दू धर्म में शामिल कराया. इसके बाद जितेंद्र नारायण त्यागी यानी वसीम मंदिर में नजर आए. यहां वो भगवा धारण करके हाथ जोड़े भगवान की पूजा कर रहे थें.
इस्लाम छोड़कर हिन्दू बनने के बाद जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) ने कहा कि धर्म परिवर्तन की यहां कोई बात नहीं है, जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया तो फिर यह मेरी मर्जी है कि मैं कौन सा धर्म स्वीकार करूँ. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है. जितनी अच्छाइयां इस धर्म में पाई जाती है उतनी अच्छाइयां किसी दूसरे धर्म में नहीं पाई जाती है.उन्होंने यह भी कहा कि इस्लाम को हम धर्म ही नहीं समझते.
आपको बता दें कि वसीम रिजवी ने एक किताब भी लिखी है जो इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के ऊपर है. इस किताब में भी उन्होंने इस्लाम धर्म और पैगंबर को लेकर ऐसी टिप्पणियां की हैं जिनकी काफी आलोचना की गई. यहां तक कि वसीम रिजवी इस्लाम में सुधार की मांग भी कर चुके हैं. वहीं कुरान से 26 आयतें हटाने की याचिका उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी.