GAYA: आरजेडी के पूर्व सांसद सह बेलागंज विधायक सुरेंद्र प्रसाद यादव समेत सात नेताओं के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। बिहार के गया में व्यवहार न्यायालय के पोक्सो कोर्ट में उनके खिलाफ गुरुवार को आरोप गठित किया गया है। आपको बता दें कि पॉक्सो कोर्ट के विशेष जज असिताभ कुमार की अदालत में आरोपी सुरेंद्र यादव, पूर्व सांसद रामजी मांझी, सरस्वती देवी, आभालाता, नेजामुद्दीन, आलोक मेहता, यशराज सदेह मौजूद रहे। इन सभी पर आरोप है कि कोंच थाना क्षेत्र में हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना में इन्होने पीड़ित का चेहरा उजागर कर दिया था। विशेष लोक अभियोजक कैसर सरफुद्दीन ने पॉक्सो को इसकी जानकारी दी थी।
मामला बेतिया में चलती बस में गैंगरेप से जुड़ा हुआ है। दरअसल, 15 जून 2018 को ये घटना घटी थी। इस मामले के सूचक कोंच थाना के पुलिस अवर निरीक्षक राजकुमार यादव के बयान पर अभियुक्तों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। घटना के बाद कोंच थाना कांड संख्या 195/18 के नाबालिग दुष्कर्म पीड़ित को मेडिकल जांच के लिए पुलिस मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाइ। जांच में पता चला कि लड़की का रेप हुआ है। इस चर्चित मामले में मां और उसकी नाबालिग बेटी से नौ-दस लोगों ने रेप किया था।
इसके अलावा, इसी मामले में पीड़िता की जांच के बाद लौटने के दौरान अस्पताल परिसर में ही इनके 25-30 लोगों ने पुलिस की गाड़ी को घेर लिया और पीड़ित को पुलिस के सरंक्षण से छुड़ाकर गाड़ी से नीचे उतार लिया, इसका आरोप भी राजद विधायक समेत सात लोगों पर लगा है। इस दौरान दुष्कर्म पीड़ित का चेहरा लोगों के बीच उजागर हो गया था। ये लोग पीड़ित से जबरन बयान लेने की कोशिश कर रहे थे। इन लोगों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और नाबालिग पीड़ित का चेहरा आम जनता के बीच में उजागर करने का आरोप है।