MUNGER: भीमबांध जंगल के मुंगेर-जमुई सीमा पर रास्ते में पेड़ और पत्थर रखकर नक्सलियों ने डीआईजी मनु महाराज सहित कई पुलिस पदाधिकारी और जवानों को ट्रैप करने प्रयास किया. लेकिन डीआईजी के सूझ-बुझ से नक्सलियों का मंसूबा पर पानी फिर गया. माना जा रहा है कि कुछ दूर पर नक्सलियों ने कच्ची रास्ते में लैंड माइंस भी बिछा रखा था.
बताया जाता है कि डीआईजी मनु महराज रविवार को जमुई के एसपी, सीआरपीएफ के सीओ, कमांडेंट और कई अधिकारी पुलिस कम्युनिटी के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सामान वितरण करने गये हुए थे. जमुई जिले के चोरमारा और गुरमाहा के लोगों के बीच सामानों का वितरण होना था. डीआईजी पुरे दल-बल के साथ भीमबांध से पहाड़ी क्षेत्र होते हुए चोरमारा पहुंचे और लोगों के बीच समान का वितरण किया.
सामान वितरण करने के बाद पूरी टीम भीमबांध स्थित मुंगेर-जमुई सीमा के समीप पहुंचे. जहां पहले से ही नक्सलियों द्वारा कच्ची मार्ग को पेड़ और पत्थर से जाम कर दिया गया था. सभी लोग वहीं पर रूक गये. इसी बीच सीआरपीएफ को सूचना मिली कि आगे कच्ची मार्ग में लैंड माइंस नक्सलियों ने लगा रखा है. इसके बाद डीआईजी सहित सीआरपीएफ के जवान व सभी पुलिस पदाधिकारी व जवानों ने मोर्चा संभाल लिया. सीआरपीएफ द्वारा कहा गया कि इस रास्ते का उपयोग अब नहीं किया जा सकता है. जिसके बाद डीआईजी भीमबांध नहीं जाकर बीच जंगल से ही कच्ची रास्ता होते हुए गुरमाहा पहुंचे. जहां ग्रामीणों के बीच सामानों का वितरण किया. उसके बाद पुरी टीम बरहट स्थित कैंप पहुंचे. डीआईजी मनु महाराज ने कहा कि पुलिस कम्युनिटी के तहत सामान वितरण करने चोरमारा और गुरमाहा गये थे. जिसकी भनक नक्स्लियों को लग गयी थी और कच्ची मार्ग को जाम कर दिया गया था. पूरी पुलिस टीम नक्स्लियों से मुकाबला करने को तैयार थी.