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MUNGER : कोरोना की दूसरी लहर भले ही खत्म हो गई हो लेकिन तीसरी लहर की आशंका से सभी डरे हुए हैं. अभी भी राज्य के अंदर धार्मिक स्थानों पर पूजा पाठ को लेकर पाबंदी लगी हुई है. जिलों में कोरोना की गाइडलाइन का पालन कराने का जिम्मा डीएम के कंधों पर दिया गया है. लेकिन मुंगेर जिले में जिनके ऊपर कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने की जिम्मेदारी है, वही गाइडलाइन की अनदेखी करते नजर आए हैं.
जी हां, हम बात कर रहे हैं मुंगेर के डीएम नवीन कुमार की. नवीन कुमार की पोस्टिंग पिछले दिनों ही मुंगेर में हुई है. शनिवार को मुंगेर के नए डीएम नवीन कुमार प्रसिद्ध चंडिका स्थान मंदिर पहुंचे और मंदिर का पट खुलवा कर वहां पूरे परिवार के साथ पूजा अर्चना की.
आपको बता दें कि बिहार में कोरोना की दूसरी लहर के बाद 5 मई से चंडिका स्थान को बंद रखा गया है. आम लोगों को देवी दर्शन और पूजा पाठ की अनुमति नहीं है. लेकिन डीएम साहब जैसे ही मंदिर पहुंचे तुरंत पुजारियों ने मंदिर का पट खोल कर उनकी पूजा-अर्चना करवाई. डीएम साहब अपने पूरे परिवार के साथ गर्भगृह तक पहुंचे और वहां काफी देर तक रह कर पूजा पाठ किया. ना तो डीएम साहब ने कोरोना गाइडलाइन की फिक्र की और ना ही मंदिर के ही किसी पुजारी ने यह कहना मुनासिब समझा कि संक्रमण को देखते हुए मंदिर में पूजा पाठ की इजाजत नहीं है.
यह पूरा प्रकरण सामने तक नहीं आ पाता अगर मंदिर के गर्भ गृह में पूजा अर्चना करते डीएम साहब और उनके परिवार वालों की तस्वीर सामने नहीं आती. पूजा-पाठ की तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आ गई जिसके बाद अब जिले के नए डीएम के ऊपर ही सवाल उठ रहे हैं. सोशल मीडिया पर लोग पूछ रहे हैं कि आखिर डीएम साहब के लिए अलग कानून और आम लोगों के लिए अलग कानून कैसे हो सकता है.
गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि इस मंदिर में वीआईपी के लिए नियमों को तोड़ा गया हो. इसके पहले कई राजनेता भी रोक के बावजूद मंदिर में जा कर पूजा अर्चना करते रहे हैं. इस बाबत चंडिका स्थान न्यास समिति के सचिव प्रभु दयाल सागर से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि बड़े लोग और जिलाधिकारी जैसे पद पर तैनात व्यक्ति को कैसे मना किया जा सकता है. हालांकि इस पूरे मामले पर डीएम की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.