बिहार में नहीं थम रहा भूमि विवाद का मामला: मुजफ्फरपुर में जमीन कारोबारी की हत्या, दूसरे की हालत गंभीर CBSE Board 12th Result 2025: गोल इंस्टीट्यूट के छात्र-छात्राओं ने लहराया परचम PATNA: बिहार के शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए अच्छी खबर, वेतन भुगतान के लिए 28 अरब से अधिक की राशि जारी Patna News: पटना में लेडीज स्पेशल पिंक बस के परिचालन का मार्ग निर्धारित, जानिए.. किराया और रूट Patna News: पटना में लेडीज स्पेशल पिंक बस के परिचालन का मार्ग निर्धारित, जानिए.. किराया और रूट Bihar News: अब विदेशी भाषा सीखेंगे बिहार के छात्र, राज्यभर के 15 इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई शुरुआत Bihar News: अब विदेशी भाषा सीखेंगे बिहार के छात्र, राज्यभर के 15 इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई शुरुआत Operation Sindoor: बिहार के लाल शहीद रामबाबू सिंह ने देश के लिए लुटा दी जान, हाल ही में हुई थी शादी; बॉर्डर पर चलाते थे एयर डिफेंस सिस्टम s 400 Operation Sindoor: बिहार के लाल शहीद रामबाबू सिंह ने देश के लिए लुटा दी जान, हाल ही में हुई थी शादी; बॉर्डर पर चलाते थे एयर डिफेंस सिस्टम s 400 PURNEA: विद्या विहार आवासीय विद्यालय में जश्न का माहौल, CBSE की 12वीं परीक्षा में शानदार प्रदर्शन
1st Bihar Published by: Updated Wed, 27 Apr 2022 08:49:22 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से मुकेश सहनी ने यह मांग की है कि मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के चुनाव में लिया जाने वाला 5 हजार रुपये शुल्क सरकार वापस ले।
वीआईपी संस्थापक मुकेश सहनी ने मुख्यमंत्री को अपने पत्र में पूर्व से बने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के चुनाव के लिए 7 सौ मतदाताओं पर सहयोग समितियों से 5 हजार रुपये की मांग की जा रही है। उन्होंने कहा मत्स्यजीवी सहयोग समिति कमजोर वर्ग के व्यक्तियों का समूह है।
निर्वाचन विभाग जून 2022 में मत्स्यजीवी सहयोग समितियों का चुनाव कराना चाहता है। निर्वाचन प्राधिकार वैसी समितियों के लिए चुनावी प्रक्रिया प्रारंभ करने जा रहा है जिन सहयोग समितियों ने शुल्क का भुगतान कर दिया है। लेकिन सबसे ज्यादा गरीब मछुआरों की संख्या हैं जो मत्स्यजीवी सहयोग समिति के चुनाव के शुल्क जमा करने की स्थिति में नहीं।
इनकी माली हालत ऐसी नहीं कि पांच हजार रुपये का शुल्क अदा कर सकें। सहनी ने वर्ष 2027-17 का हवाला देकर कहा उक्त चुनाव में सरकार ने निर्धारित शुल्क के नियम को क्षांत कर दिया था। यह व्यवस्था सिर्फ एक वर्ष के लिए प्रभावी की गई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि 2017-18 की तरह यदि 2022 के चुनाव में भी शुल्क के नियमों को क्षांत किया जाए ताकि बड़ी संख्या में गरीब मछुआरा समूह चुनाव में भाग ले सके।