PATNA: बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब से 75 लोगों की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीजेपी लगातार इस मुद्दे को लेकर सदन के अंदर और बाहर नीतीश सरकार को घेरने का काम कर रही है। जब से यह घटना हुई है तब से कोई ऐसा दिन नहीं है जिस दिन बीजेपी इस मुद्दे को नहीं उठा रही है। बीजेपी का हरेक नेता और कार्यकर्ता इस मुद्दे को लेकर सरकार पर सवाल खड़े कर रहा हैं। मृतक के परिजनों को मुआवजा दिये जाने की भी मांग बीजेपी कर रही हैं।
यह बात अलग है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहरीली शराब से मरने वाले लोगों को मुआवजा देने से इनकार कर रहे हैं। बीजेपी ने 2016 में गोपालगंज में हुए शराबकांड का हवाला देते हुए सारण में भी मुआवजा दिए जाने की मांग की है। कहा है कि जब 2016 में जहरीली शराब से मौत के बाद मुआवजा दिया गया तब अब क्यों नहीं। मुआवजे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल की चुप्पी पर जब मीडिया ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से सवाल किया तब उन्होंने मीडिया को यह जवाब दिया कि आप लोग भी बीजेपी की तरह स्वीच ऑन और स्वीच ऑफ होते हैं।
यूं कहे कि मीडिया के इस सवाल को उन्होंने नजरअंदाज कर दिया। फिर कहने लगे की मुआवजा और जहरीली शराब से मौत ही सिर्फ मुद्दा है क्या पढ़ाई, दवाई, कमाई और सिंचाई मुद्दा नहीं है। बीजेपी पर हमला बोलते हुए तेजस्वी ने कहा कि जिन बीजेपी शासित राज्यों में लोग शराब पीने से मरे थे वहां बीजेपी खामोश क्यों थी। बीजेपी के लोग क्या कर रहे थे। भाजपाइयों से पूछिये कि चार महीने पहले कह रहे थे कि शराबबंदी अच्छी चीज है लेकिन फिर उल्टा ड्रामा क्यों कर रहे हैं।
शराबबंदी खत्म करना है तो खुलकर बीजेपी वालों को बोलना चाहिए। कथनी और करनी में भाजपा का अलग चरित्र रहा है। वे कहते कुछ है और करते कुछ है। कम से कम जनता के हित के लिए भाजपा को सदन में प्रश्नोतर तो चलने देना चाहिए था। वहीं बीजेपी पर हमला बोलते हुए मंत्री बिजेन्द्र यादव ने कहा कि पहले से भी लोग सरकार को घेरते रहे है वीआईपी लोगों को शराबबंदी से कठिनाई होती है।