बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र खत्म, नेता प्रतिपक्ष की गैरहाजिरी के लिए रहेगा याद

बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र खत्म, नेता प्रतिपक्ष की गैरहाजिरी के लिए रहेगा याद

PATNA : PATNA : 28 जून से शुरू हुआ बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र शुक्रवार को खत्म हो गया मानसून सत्र में विधानसभा की कुल 21 बैठकें हुईं। चमकी बुखार से मुजफ्फरपुर में बच्चों की मौत, भीषण लू और बाढ़ आपदा से लोगों की मौत और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मानसून सत्र गरमाया रहा। सत्र की शुरुआत के साथ स्पीकर विजय कुमार चौधरी ने विधानसभा में यह जानकारी दी कि विधानसभा में रालोसपा विधायक दल का जेडीयू विधायक दल में विलय हो गया है। लगभग 1 महीने तक चले मानसून सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव केवल 2 दिन ही सदन में मौजूद रहे। विधानमंडल का मानसून सत्र किसी और बात के लिए भले ही याद ना रहे लेकिन नेता प्रतिपक्ष की गैरमौजूदगी के लिए हमेशा याद रखा जाएगा। गृह विभाग के बजट अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति पर विस्तार से अपनी बात रखी जबकि चमकी बुखार से मुजफ्फरपुर में हुई बच्चों की मौत के मुद्दे पर भी विधानसभा में विशेष बहस हुई। मानसून सत्र के दौरान सरकार ने कुल 9 विधेयक सदन पटल पर रखे जिनमें बिहार विद्यालय परीक्षा समिति विधेयक 2019 और बिहार तकनीकी सेवा संशोधन विधेयक भी शामिल है। सत्र समापन के पहले विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने बताया कि मानसून सत्र में कुल 3488 सवाल सदस्यों की तरफ से लाए गए। जिनमें से 2795 स्वीकृत हुए। विधानसभा में इस बार 1509 सवालों का जवाब ऑनलाइन उपलब्ध कराकर सदस्यों को मदद पहुंचाई गई। विधानसभा अध्यक्ष ने मानसून सत्र के दौरान सहयोग के लिए सभी दलों के सदस्यों के साथ साथ विधानसभा सचिवालय के कर्मियों, प्रशासनिक अधिकारियों और मीडिया का भी आभार जताया। पटना से राहुल सिंह की रिपोर्ट