ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: PACS की मांग पर सरकार का सकारात्मक रुख, ब्याज-मुक्त अवधि 2 से 6 माह करने पर विचार एक्शन में BJP विधायक: मिड डे मील में गड़बड़ी को लेकर प्रधानाध्यापक की लगाई फटकार, कहा..मैं भी इसी समाज से आता हूं, बख्शूंगा नहीं Bihar Ias Officer: बिहार के 16 DM समेत 37 IAS अफसर जा रहे 25 दिनों की ट्रेनिंग में, पूरी लिस्ट देखें.... बेटे को मंत्री बनाने पर उपेंद्र कुशवाहा का भारी विरोध, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र नाथ सहित कई नेताओं ने छोड़ी पार्टी Bihar Winter Session 2025 : बिहार विधान परिषद का शीतकालीन सत्र 3 से 5 दिसंबर तक, जानिए क्या रहेगा इस बार मुख्य एजेंडा Khesari Lal Yadav: चुनाव हारने के बाद राम की भक्ति में लीन हुए खेसारी लाल यादव, परिवार संग की पूजा-अर्चना Bihar Government : बिहार सरकार का डिजिटल एक्शन, साइबर फ्रॉड पर सख्ती; जेल से लेकर सोशल मीडिया तक निगरानी Hajipur Chhapra Route : छपरा-हाजीपुर मार्ग पर भारी वाहनों पर रोक, इस रास्ते से गुजरेंगे छोटे वाहन कोडरमा स्टेशन पर GRP की बड़ी कार्रवाई, 40 लाख कैश के साथ बिहार का युवक गिरफ्तार Lalu Yadav : 'किसी हाल में राबड़ी आवास खाली नहीं करेंगे...', बोले प्रदेश अध्यक्ष - 20 साल में क्यों नहीं किया ऐसा काम; सरकार के नोटिस पर भड़की पार्टी

Mohan Bhagwat: ‘दो या तीन बच्चे पैदा करना बहुत जरूरी’ संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जनसंख्या को लेकर जताई चिंता

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 01 Dec 2024 03:16:09 PM IST

Mohan Bhagwat: ‘दो या तीन बच्चे पैदा करना बहुत जरूरी’ संघ प्रमुख मोहन भागवत ने जनसंख्या को लेकर जताई चिंता

- फ़ोटो

DESK: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भारत की जनसंख्या को लेकर चिंता जताई है और जनसंख्या नीति को लेकर एक अहम बयान दे दिया है। महाराष्ट्र के नागपुर में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह काफी जरूरी है कि जनसंख्या की औसत वृद्धि दर 2.1 से नीचे न आ जाए। ऐसे में हमारे लिए काफी जरूरी है कि दो या तीन बच्चे पैदा किए जाएं।


मोहन भागवत ने कहा कि जनसंख्या का औसत आंकड़ा 2.1 की ही रहा तो बिना किसी खतरे के पृथ्वी से मानवता खत्म हो जाएगी। अगर ऐसे ही आबादी दर कम बनी रही तो फिर कई भाषाएं और सभ्यताएं समाप्त होने के कगार पर पहुंच जाएंगी। उन्होंने कहा कि आबादी एक चिंता का विषय है। आधुनिक जनसंख्या विज्ञान कहता है कि जब जन्म दर 2.1 से नीचे जाती है तो फिर धरती से मानवता ही खत्म होने का खतरा पैदा हो जाता है।


आरएसएस चीफ ने कहा कि ऐस हालात में समाज खत्म हो जाता है जबकि उसके आगे कोई प्रत्यक्ष संकट नहीं होता। ऐसी स्थिति में कई भाषा और सभ्यता के खत्म होने का खतरा बना रहता है। देख की जनसंख्या नीति साल 1998 या 20002 में तय हुई थी। जनसंख्या की औसत दर 2.1 से कम नहीं होनी चाहिए। हमारे लिए जरूरी है कि दो या तीन बच्चे हों। आबादी की जरूरत है ताकि समाज का अस्तित्व बना रहे।


बता दें कि आरएसएस जनसंख्या असंतुलन को लेकर कई बार इस बात को दोहरा चुका है। खासतौर पर हिंदुओं की आबादी का प्रतिशत कम होने को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत कई बार चिंता जाहिर कर चुके हैं। वह कहते रहे हैं कि भारत में हिंदुओं का बहुसंख्यक होना जरूरी है। रिपोर्ट्स में भी यह दावा किया जा चुका है कि मुसलमानों की आबादी का प्रतिशत आजादी के बाद से अबतक बढ़ा है जबकि हिंदुओं की आबादी का प्रतिशत कम हो रहा है।