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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 01 Dec 2024 03:16:09 PM IST
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DESK: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भारत की जनसंख्या को लेकर चिंता जताई है और जनसंख्या नीति को लेकर एक अहम बयान दे दिया है। महाराष्ट्र के नागपुर में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह काफी जरूरी है कि जनसंख्या की औसत वृद्धि दर 2.1 से नीचे न आ जाए। ऐसे में हमारे लिए काफी जरूरी है कि दो या तीन बच्चे पैदा किए जाएं।
मोहन भागवत ने कहा कि जनसंख्या का औसत आंकड़ा 2.1 की ही रहा तो बिना किसी खतरे के पृथ्वी से मानवता खत्म हो जाएगी। अगर ऐसे ही आबादी दर कम बनी रही तो फिर कई भाषाएं और सभ्यताएं समाप्त होने के कगार पर पहुंच जाएंगी। उन्होंने कहा कि आबादी एक चिंता का विषय है। आधुनिक जनसंख्या विज्ञान कहता है कि जब जन्म दर 2.1 से नीचे जाती है तो फिर धरती से मानवता ही खत्म होने का खतरा पैदा हो जाता है।
आरएसएस चीफ ने कहा कि ऐस हालात में समाज खत्म हो जाता है जबकि उसके आगे कोई प्रत्यक्ष संकट नहीं होता। ऐसी स्थिति में कई भाषा और सभ्यता के खत्म होने का खतरा बना रहता है। देख की जनसंख्या नीति साल 1998 या 20002 में तय हुई थी। जनसंख्या की औसत दर 2.1 से कम नहीं होनी चाहिए। हमारे लिए जरूरी है कि दो या तीन बच्चे हों। आबादी की जरूरत है ताकि समाज का अस्तित्व बना रहे।
बता दें कि आरएसएस जनसंख्या असंतुलन को लेकर कई बार इस बात को दोहरा चुका है। खासतौर पर हिंदुओं की आबादी का प्रतिशत कम होने को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत कई बार चिंता जाहिर कर चुके हैं। वह कहते रहे हैं कि भारत में हिंदुओं का बहुसंख्यक होना जरूरी है। रिपोर्ट्स में भी यह दावा किया जा चुका है कि मुसलमानों की आबादी का प्रतिशत आजादी के बाद से अबतक बढ़ा है जबकि हिंदुओं की आबादी का प्रतिशत कम हो रहा है।