DELHI : अभी-अभी बड़ी खबर सामने आ रही है। पीएम मोदी की कैबिनेट में नीतीश की जेडीयू शामिल हो सकती है।सूत्रों के मुताबिक केन्द्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के सुगबुगाहट के बीच जेडीयू से बातचीत चल रही है।
झारखण्ड विधान सभा चुनाव के नतीजे आने के बाद केंद्र के मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। सहयोगी दलों खासकर जेडीयू और एआईएमडीके को मोदी कैबिनेट में शामिल करने के लिए इन दोनों दलों से बातचीत भी शुरू हो गई है। अभी मोदी मंत्रिमंडल में एलजेपी और अकाली दल के प्रतिनिधि ही हैं।अभी मोदी सरकार में कुल 57 मंत्री हैं। नियम है कि लोकसभा की कुल संख्या का अधिकतम 15 प्रतिशत यानी 81 मंत्री हो सकते हैं। पिछली सरकार में 70 मंत्री थे। इसका मतलब है कि कम से कम एक दर्जन मंत्रियों की जगह खाली है। ऐसे में 10 से 12 नए मंत्री बनाए जा सकते हैं।
वहीं शामिल होने की सुगबुगाहट के बीच ये भी खबर है कि कि जेडीयू दो कैबिनेट और एक राज्यमंत्री की अपनी पुरानी मांग पर अड़ी है। सूत्रों से मिल रही खबरों के मुताबिक बीजेपी महासचिव भूपेंद्र यादव को बातचीत का जिम्मा सौंपा गया है।
बता दें कि नीतीश ने नये मोदी कैबिनेट में सांकेतिक भागीदारी के प्रस्ताव को तब सिरे से खारिज कर दिया था। जब मंत्रिमंडल में उन्हें एक सीट का ऑफर किया गया था। तब ये माना जा रहा था कि जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने मोदी कैबिनेट में शामिल न होकर दूर का दांव खेला है। उनका यह दांव अगले साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में बहुत काम आ सकता है। सीएम नीतीश कुमार ने स्पष्ट कहा है कि भविष्य में भी उनकी पार्टी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी।
हालांकि, नीतीश कुमार ने बीजेपी से किसी भी नाराजगी को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि बिहार में हम साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं। 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर इसका कोई असर नहीं होगा।माना ये जा रहा था कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल न होकर इसके एवज में नीतीश बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ी हिस्सेदारी मांग सकते हैं।