मोदी कैबिनेट में शामिल होने की रेस शुरू : JDU से अब तीन नामों की चर्चा, क्या सुशील मोदी को मिलेगी जगह?

मोदी कैबिनेट में शामिल होने की रेस शुरू : JDU से अब तीन नामों की चर्चा, क्या सुशील मोदी को मिलेगी जगह?

PATNA : केंद्रीय कैबिनेट में फेरबदल और विस्तार की संभावनाओं के बीच बिहार से नए दावेदारों के नामों पर चर्चा तेज हो गई है। मोदी कैबिनेट में किसे जगह मिलेगी और कौन चूक जाएगा इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। सियासी गलियारे में चर्चा यह है कि जेडीयू के तीन चेहरों को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिल सकती है। जेडीयू अध्यक्ष आरपी सिंह ने शनिवार को यह स्पष्ट कर दिया था कि उनकी पार्टी मोदी कैबिनेट में हिस्सेदारी चाहती है। शुक्रवार तक यह उम्मीद जताई जा रही थी कि जेडीयू से दो चेहरे कैबिनेट में शामिल किए जा सकते हैं लेकिन अब चर्चा तीन नामों की है। 


सियासी गलियारे में चल रही चर्चा के मुताबिक जेडीयू से 3 चेहरों को केंद्रीय कैबिनेट में जगह मिल सकती है उनमें सबसे प्रबल दावेदार ललन सिंह के साथ-साथ खुद जेडीयू के अध्यक्ष आरसीपी सिंह का नाम है। इसके अलावे नया नाम संतोष कुशवाहा का है। माना जा रहा है कि जनता दल यूनाइटेड इन तीन नामों के जरिए सामाजिक समीकरण को साधने की कोशिश करेगा। लव-कुश के जरिए नीतीश केंद्रीय कैबिनेट में जेडीयू की भागीदारी को मजबूत बनाएंगे तो वही भूमिहार वोटों को साधने के लिए ललन सिंह को जगह दी जाएगी।


चर्चा यह भी है कि बीजेपी से किसी एक नए चेहरे को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। फिलहाल बिहार बीजेपी से 2 नामों की चर्चा है। बिहार के डिप्टी सीएम रह चुके सुशील कुमार मोदी इसके सबसे बड़े दावेदार माने जा रहे हैं तो वहीं प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल के नाम की भी चर्चा है। हालांकि सुशील मोदी को लेकर बीते विधानसभा चुनाव के बाद से यह चर्चा होती रही है कि केंद्रीय नेतृत्व उन्हें दिल्ली बुला सकता है तो कोई बड़ी जिम्मेदारी भी दे सकता है। राज्यसभा जाने के बाद सुशील मोदी अब तक केंद्रीय नेतृत्व के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। बिहार में डेढ़ दशक तक उनके काम का फायदा पार्टी ने उठाया है और अब इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी उन्हें कोई बड़ी भूमिका दे। हालांकि संजय जायसवाल के नेतृत्व में पार्टी ने बीते विधानसभा चुनाव में बिहार में अच्छा प्रदर्शन किया है लिहाजा चर्चा यह भी है कि जायसवाल को इसका इनाम मिल सकता है। अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश नेतृत्व में बदलाव होगा।