Bihar Politics: लालू का शासनकाल 'जंगलराज' नहीं बल्कि 'मंगलराज' था, पूर्णिया में बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: लालू का शासनकाल 'जंगलराज' नहीं बल्कि 'मंगलराज' था, पूर्णिया में बोले मुकेश सहनी Bihar News: Reel बनाने का नशा! मुजफ्फरपुर में ट्रैफिक दारोगा का वीडियो वायरल, मोतिहारी में नकली AK47 के साथ 6 लड़के अरेस्ट Bihar Politics: पूर्णिया में हुई वीआईपी की जोनल बैठक, मुकेश सहनी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल Bihar Politics: पूर्णिया में हुई वीआईपी की जोनल बैठक, मुकेश सहनी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल Bihar Cabinet meeting: बिहार के सभी 'पंचायत सचिवों' को मिला बड़ा अधिकार, अब यह काम पंचायत में होंगे, नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला Bihar Cabinet meeting: बिहार कैबिनेट ने बड़े पैमाने पर नई नौकरी की दी स्वीकृति, पांच डॉक्टर हुए बर्खास्त, कई अन्य फैसले लिए गए Bihar Cabinet meeting: नीतीश कैबिनेट की मीटिंग में लिए गए बड़े-बड़े फैसले, कर्मचारियों की महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी, चार जगहों पर केंद्रीय विद्यालय के लिए भूमि और.... Bihar Crime News: ट्रिपल मर्डर केस के 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा, भूमि विवाद में हुई थी तीन लोगों की हत्या Bihar Crime News: ट्रिपल मर्डर केस के 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा, भूमि विवाद में हुई थी तीन लोगों की हत्या
1st Bihar Published by: Updated Thu, 01 Sep 2022 08:01:40 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : पटना, दानापुर, फुलवारीशरीफ, मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा और भागलपुर में एक सितंबर से शत प्रतिशत माडल डीड से निबंधन का आदेश जारी किया गया था, जिसे अब वापस ले लिया गया है। इस आदेश को मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन विभाग ने तत्काल वापस ले लिया है। अब आज यानी गुरुवार से मॉडल डीड के साथ-साथ जनरल डीड के आधार पर भी अब जमीन का निबंधन होगा।
आपको बता दें, विभाग के निबंधन महानिरीक्षक बी कार्तिकेय धनजी ने 19 जुलाई को जारी अपने आदेश को वापस लेने के लिए लेटर लिखा है। इधर, कातिबों का तर्क है कि बगैर उनकी मदद के आम लोग जमीन का ब्योरा मॉडल डीड पर सही-सही दर्ज नहीं कर पाते हैं। उनका कहना है कि निबंधन विभाग ने कातिबों को जब लाइसेंस दे रखा है तो उन्हें जमीन निबंधन की प्रक्रिया से कैसे बाहर किया जा सकता है। गौरतलब है कि राज्य में 16500 लाइसेंसी और करीब 42 हजार गैर लाइसेंसी डीड राइटर (कातिब) हैं। कातिब संघ का कहना है कि जो डीड वो तैयार करते हैं, उन पर लाइसेंस नंबर होता है। किसी तरह की गड़बड़ी होने पर उन्हें पकड़ा जा सकता है। मॉडल डीड में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।
दरअसल, राजधानी पटना में आज से मॉडल डीड से रजिस्ट्री होनी थी। निबंधन विभाग के पूववर्ती आदेश के मुताबिक 1 सितंबर से पांच जिलों में शत प्रतिशत मॉडल डीड के आधार पर ही जमीन का निबंधन प्रभावी होना था। निबंधन विभाग के इस आदेश के खिलाफ में कातिब संघ ने पटना हाइकोर्ट में याचिका दाखिल रखा है।