PATNA : राज्यपाल कोटे से एमएलसी मनोनयन के बाद जनता दल यूनाइटेड में नाराजगी सामने आई है. जनता दल यूनाइटेड के पुराने विधान पार्षदों को एक बार फिर से विधान परिषद भेजे जाने के फैसले के बाद पार्टी के ऐसे नेताओं को झटका लगा है, जो अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन एमएलसी मनोनयन की लिस्ट जारी होने के बाद आहत हैं.
फर्स्ट बिहार से बातचीत में जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि एमएलसी मनोनयन मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. राज्य कैबिनेट ने उन्हें इसके लिए अधिकृत किया था लेकिन अब फैसले के बाद उन्हें ऐसा लगता है कि राजनीति में निष्ठा और योग्यता की कोई आवश्यकता नहीं है. यह सब बातें अब केवल डिक्शनरी में ही अच्छी लगती है.
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि बिहार में कायस्थ समाज हाशिए पर जा चुका है. राज्य को एक दौर में कई महत्वपूर्ण विभूति देने वाले इस समाज को आज राजनीतिक तौर पर हाशिए के अंदर ढकेल दिया गया है. राजीव रंजन ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले से वह काफी आहत हैं. कायस्थ समाज के लिए यह अस्तित्व संकट का दौर है.