मिशन बंगाल पर नीतीश ने साधी चुप्पी, RCP सिंह का पूरा फोकस बिहार की 243 सीट जीतने पर

मिशन बंगाल पर नीतीश ने साधी चुप्पी, RCP सिंह का पूरा फोकस बिहार की 243 सीट जीतने पर

PATNA : विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के खराब प्रदर्शन के बाद नीतीश कुमार ने जेडीयू अध्यक्ष की कुर्सी छोड़ दी थी. उन्होंने आरसीपी सिंह को पार्टी का नया अध्यक्ष बनवाया. अब पार्टी के नए अध्यक्ष आरसीपी सिंह बिहार में नए सिरे से जेडीयू का संगठन मजबूत बनाने में जुटे हुए हैं. वहीं पार्टी बिहार से बाहर कैसे अपना विस्तार करें इसके लिए भी रणनीति बनाकर काम की जा रही है. पार्टी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव और असम में चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और इन राज्यों के प्रभारी गुलाम रसूल बलियावी को जिम्मेदारी दी गई है. लेकिन मिशन बंगाल को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी साध ली है.


दरअसल पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में चुनाव का बिगुल बज चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बंगाल में चुनावी जनसभा को संबोधित करने वाले हैं लेकिन नीतीश कुमार का अब तक बंगाल प्लान एक्टिवेट नहीं हो पाया है. पार्टी की तरफ से मिशन बंगाल के लिए बिगुल फूंका गया लेकिन तब तक जेडीयू का बंगाल में चुनावी प्लान क्या होगा, गठबंधन होगा भी या नहीं, यह साफ नहीं हो पाया है. ऐसे में जब पश्चिम बंगाल चुनाव में नीतीश कुमार की एंट्री को लेकर सवाल किया गया तो आज उन्होंने इस मामले पर चुप्पी साध ली. मीडिया ने जब नीतीश से पूछा कि सर बंगाल कब जा रहे हैं तो उन्होंने इस सवाल को अनसुना कर दिया. 


मिशन बंगाल को लेकर फिलहाल नीतीश से कोई दिलचस्पी दिखाते नजर नहीं आए. लेकिन पार्टी के दूसरी कतार के नेताओं को इसकी जिम्मेदारी दी गई है कि वह बंगाल में जेडीयू के विकल्प को चलाये. उधर आरसीपी सिंह अब तक पश्चिम बंगाल चुनाव से खुद को दूर रखे हुए हैं. आरसीपी सिंह का पूरा फोकस से बिहार में अपनी पार्टी को मजबूत बनाने पर है. जेडीयू अध्यक्ष ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान यह ऐलान कर दिया है कि अब पार्टी सभी 243 सीटों पर जीत हासिल करने लायक संगठन खड़ा करेगी. आरसीपी सिंह ने कहा है कि अगर हमने तो हम सभी विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर सकते हैं. जेडीयू अध्यक्ष ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान शनिवार को यह कहा कि अगर बूथ पर हम मजबूत हैं तो हमें कोई हरा नहीं सकता. आपको याद दिला दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू को केवल 45 सीटों पर जीत से संतोष करना पड़ा था उसका स्ट्राइक रेट बुरी तरह से गड़बड़ आया था और इसके बाद हुई समीक्षा में संगठन के अंदर हवाबाजी पाई गई थी.


मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह तक इस बात को भलीभांति समझ रहे हैं कि उनकी पहचान बिहार से है. जनता दल यूनाइटेड के साथ अगर बिहार में ही नहीं बचेगी तो बंगाल कूच करने का कोई फायदा नहीं मिलने वाला. जाहिर है इसीलिए आरसीपी सिंह का पूरा ध्यान इस वक्त बिहार में संगठन को मजबूत करने पर है और शायद इसी वजह से नीतीश ने भी फिलहाल मिशन बंगाल पर चुप्पी साध ली है.