'मिलकर तय करेंगे CM…', बहुमत के बाद बोले एकनाथ शिंदे ... जरूरी नहीं अधिक सीट वाली पार्टी का ही हो मुख्यमंत्री

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 23 Nov 2024 01:16:29 PM IST

'मिलकर तय करेंगे CM…', बहुमत के बाद बोले एकनाथ शिंदे ... जरूरी नहीं अधिक सीट वाली पार्टी का ही हो मुख्यमंत्री

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DESK : महाराष्ट्र में रूझान अब नतीजों में बदलने लगे हैं। इसी बीच एकनाथ शिंदे ने प्रतिक्रिया दी है। सीएम शिंदे ने कहा है कि महाराष्ट्र की जनता ने कामों पर मुहर लगा दी है। हमने ढ़ाई साल सिर्फ महाराष्ट्र की जनता के लिए काम किया है, जिसका नतीजा अब सामने आ गया है। इसी के साथ मुख्यमंत्री शिंदे ने यह कहकर बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है कि ज्यादा सीट जीतने वाली पार्टी के पास ही मुख्यमंत्री का पद हो, यह जरूरी नहीं है। शिंदे ने कहा है कि हम मिलकर तय करेंगे। अभी कुछ भी फाइनल नहीं है। 


दरअसल, 2022 में जब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत किया था, उस वक्त उनके पास सिर्फ 40 विधायक थे। बीजेपी के पास 105 विधायकों का समर्थन था। लेकिन मुख्यमंत्री की कु्र्सी पार्टी ने शिंदे को दे दी। इसे पार्टी का बड़ा सियासी दांव माना गया। अभी जो चुनाव के नतीजे आ रहे हैं। उसमें बीजेपी 120 से ज्यादा सीटों पर बढ़त में है। शिंदे की पार्टी 50 के करीब सीटें जीतती नजर आ रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या 2022 की तरह ही बीजेपी इस बार शिंदे को सीएम की कुर्सी दे देगी?


वहीं, सवाल यह भी उठ रहे हैं कि क्या एकनाथ शिंदे को बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस की तरह पीछे किया जाएगा और किसी नए चेहरे पर महाराष्ट्र में दांव लगाया जाएगा? यह सारे सवाल आज इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव प्रचार में भी एनडीए ने सीएम फेस घोषित नहीं किया और नतीजे के बाद तय करने की बात दोहराई। 


मालूम हो कि, महायुति में अजित पवार की पार्टी भी शामिल है। खुद अजित मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। उनकी पार्टी को करीब 30 सीटों पर बढ़त हासिल है। रूझान अगर नतीजों में बदलते हैं तो बीजेपी और अजित की पार्टी भी मिलकर आसानी से महाराष्ट्र में सरकार बना लेगी। यह समीकरण एकनाथ शिंदे के लिए टेंशन बढ़ाने वाला है।  यही वजह है कि शिंदे अभी सीएम पद पर तो दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन मिलकर फैसला करने की बात कर रहे हैं।वहीं अजित गुट ने अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है। कहा जा रहा है कि 25 नवंबर तक सबकुछ फाइनल हो जाएगा। इसके बाद महाराष्ट्र में सरकार गठन की कवायद शुरू होगी।