CHAPRA: छपरा की एक छात्रा मेडिकल साइंस की मदद से लड़की से लड़का बन गयी है। जेंडर चेंज होने के बाद उसने अपना नाम भी बदल लिया है। पहले उसे गुड़िया के नाम से लोग पुकारते थे लेकिन अब उसने अपना नाम गुड़िया की जगह रुद्राक्ष कर लिया है। आखिर ऐसा क्या हुआ कि उसने ऐसा कदम उठाया तो आइए जानते हैं...
मामला छपरा जिले के मढौरा स्थित ठाकुरबाड़ी टोले की है जहां गुड़िया कुमारी ने अपना जेंडर बदलवा लिया है। गुड़िया का जन्म बहुआरा पट्टी में हुआ था। बचपन से ही उसके शौक लड़कों जैसे थे। उसे लड़कों के साथ पढ़ने जाना, लड़कों जैसा हेयर स्टाइल रखना, उनके साथ खेलना, लड़कों के जैसा ही कपड़े पहनना पसंद था। वह लड़की नाम से नफरत करती थी। यदि परिवार के लोग उसे बेटे कहकर बुलाते थे तो उसकी खुशी दोगुनी हो जाती थी। उसे भी अच्छा लगता था कि कोई उसे बेटा कहकर पुकारे।
गांव के ही स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। वह पढ़ने में काफी तेज थी। 12वीं के बाद होम साइंस विषय से उसने ग्रेजुएशन छपरा से किया। ग्रेजुएशन के बाद बीफार्मा में एडमिशन लिया। इधर घरवाले उसकी शादी की बात करने लगे। लड़के वालों का फोटो भी आना शुरू हो गया। लेकिन गुड़िया शादी करना नहीं चाहती थी। वह यह बात परिवार वालों को कहने से डरती थी। एक दिन जब उसकी शादी लगभग फाइनल हो गयी तब उसने अपने पापा से बातचीत की और शादी से मना करते हुए सारी बातें बतायी। जिसे सुनकर पिता भी हैरान रह गये।
गुड़िया ने परिवार वालों की माने तो वह बचपन से ही लड़का बनना चाहती थी। उसकी इस बात को सुनकर परिवार वाले भी हैरान थे। लेकिन गुड़िया की जिद के आगे उन्हें झुकना पड़ गया। दिल्ली में एक साल तक चले इलाज के बाद दिसंबर में ऑपरेशन के जरिए गुड़िया का जेंडर बदला गया। अब वह गुड़िया से रुद्राक्ष बन गई है। शादी की चर्चा से पहले वह परेशान रहती थी लेकिन अब उसका कहना है कि वो चाहे तो लड़कों की तरह शादी कर सकती है। गुड़िया ने बचपन में ही लड़का बनने का फैसला ले लिया था।
वही डॉक्टरों का कहना है कि इस सर्जरी को सेक्स रिअसाइमेंट सर्जरी कहा जाता है। भारत में इस तरह के कई उदाहरण हैं। जब कोई लड़की अपना जेंडर चेंज करवाकर लड़का बन गया हो या कोई लड़का अपना जेंडर चेंज करवाकर लड़की बन गया हो। इस सर्जरी के बाद गुड़िया पूरी तरह से लड़का बन गई है वो किसी लड़की से शादी भी कर सकती है। मगर उसके लिए पिता बनना संभव नहीं होगा। 27 दिसंबर 2021 को दिल्ली में ऑपरेशन दिल्ली हुआ जिसमें कुल 8 घंटे का समय लगा था और तकरीबन एक सप्ताह के बाद से वह गुड़िया से रुद्राक्ष बन गयी।