PATNA : बिहार में राज्यपाल कोटे से विधान परिषद के लिए 12 नए सदस्य मनोनीत हो गए हैं और नए सदस्यों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ भी ले ली है. राज्यपाल कोटे के एमएलसी के मनोनयन पर जीतन राम मांझी और मंत्री मुकेश सहनी ने नाराजगी जताई है. जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने भी आपत्ति व्यक्ति की है. एनडीए के सहयोगियों की नाराजगी को लेकर सीएम नीतीश ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी की नाराजगी से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है.
नए सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएम नीतीश ने कहा कि किसी के नाराज होने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है. मुख्यमंत्री के पास सिमित अधिकार है. राजनीत में किसी के कुछ बोलने या कहने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. गौरतलब हो कि मंत्री मुकेश सहनी की पार्टी ने सीएम के फैसले को गठबंधन धर्म के विरुद्ध बताया है. तो वहीं दूसरी ओर एमएलसी मनोनयन में हिस्सेदारी नहीं मिलने से नाराज जीतन राम मांझी ने कहा कि वह सीएम के फैसले से नाखुश हैं.
आपको बता दें कि जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी को इस बात का मलाल है कि एमएलसी मनोनयन पर फैसला लेने से पहले उनकी राय तक नहीं पूछी गई. हालांकि इस नाराजगी के बावजूद दोनों एनडीए में ही बने रहेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि वह नीतीश कुमार के साथ विधानसभा चुनाव के पहले बिना शर्त आए थे. लेकिन उन्हें उम्मीद थी कि एमएलसी मनोनयन कोटे में कम से कम उन्हें एक सीट मिलेगी. बावजूद इसके एनडीए में उन्हें तरजीह नहीं दी गई. जीतन राम मांझी ने कहा कि उन्हें इस बात की तकलीफ है कि एमएलसी मनोनयन से पहले विचार विमर्श तक नहीं किया गया.
मांझी की पार्टी के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने एमएलसी की लिस्ट जारी होने के साथ ही बयान जारी करते हुए कहा था कि अब जीतन राम मांझी इस मामले पर कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. उधर विकासशील इंसान पार्टी के नेता मुकेश सहनी भी एनडीए गठबंधन छोड़ने का साहस नहीं जुटा सकते उनकी पार्टी के प्रवक्ता राजीव मिश्रा ने बयान जारी करते हुए कहा है कि वह एमएलसी मनोनयन के फैसले का विरोध करते हैं.