मायके में स्कूल पहुंचते ही छलका राबड़ी का दर्द, बताया क्यों नहीं कर पायी पढ़ाई?

मायके में स्कूल पहुंचते ही छलका राबड़ी का दर्द, बताया क्यों नहीं कर पायी पढ़ाई?

GOPALGANJ: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव करीब सात साल बाद मंगलवार को अपने पैतृक गांव फुलवरिया पहुंचे थे। उनकी पत्नी पूर्व सीएम राबड़ी देवी और बड़े बेटे मंत्री तेजप्रताप यादव भी साथ थे। किडनी ट्रांसप्लांट के बाद पहली बार लालू अपने गांव पहुंचे थे। गांव पहुंचकर लालू काफी खुश नजर आए। फुलवरिया पहुंचते ही सबसे पहले वे गांव के मंदिर में गये और माता के दरबार में हाजिरी लगाई। वही राबड़ी देवी अपने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के साथ अपने मायके के स्कूल में पहुंची जहां उन्होंने स्कूल में पढ़ने वाली बच्चियों से बातचीत की। 


उन्होंने कहा कि अभी यहां सिर्फ छात्राएं पढ़ती हैं हम चाहते हैं कि यहां छात्र भी पढ़ने के लिए आए। इस स्कूल में छात्र-छात्राएं दोनों पढ़े इसके लिए कागज बढ़वा दिये हैं। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से बात भी हो गयी है। यह सब कैबिनेट की बैठक में पास होता है। ऐसे नहीं होता है। उम्मीद है कि कैबिनेट की बैठक में यह पास भी हो जाएगा। जिसके बाद लड़का-लड़की दोनों की पढ़ाई की व्यवस्था इस स्कूल में शुरू हो जाएगी। इस दौरान राबड़ी देवी और तेजप्रताप यादव क्लास रुम में गये और स्कूल की बच्चियों से बातचीत की। 


राबड़ी ने पूछा कि यहां क्लास रोज होता है? तब छात्राओं ने जवाब दिया यस मैम..आप लोग रोज स्कूल आती हो? छात्राओं ने एक सुर में कहा यस मैम.. छात्राओं ने बताया कि मैंम सुबह साढ़े नौ बजे स्कूल आते है और 4 बजे छुट्टी हो जाती है। स्कूल की छात्राओं से बातचीत करते हुए राबड़ी देवी ने बताया कि वे आगे की पढ़ाई क्यों नहीं कर पाई थी। राबड़ी ने कहा कि हम पांचवी कक्षा तक ही पढ़े हैं लेकिन हम आगे बढ़े और बिहार का नाम रौशन किये। राबड़ी ने बच्चियों से कहा कि तुम लोग भी खूब पढ़ों और आगे बढ़ो। बिहार का नाम रौशन करो। 


वही मीडिया से बातचीत करते हुए राबड़ी ने कहा कि बहुत दिनों के बाद फुलवरिया आए हैं। साहब की तबीयत ठीक नहीं थी वो जेल में थे ऐसे में अकेले कैसे आते। हम लोग अभी भी परेशान हैं। अभी भी रोज कोर्ट जाना पड़ता है। सुन रहे कि बेल तोड़ने वाला है सब..हम लोग जनता की लड़ाई लड़ते रहे हैं और लड़ते रहेंगे। पीछे नहीं भागेंगे। हमलोगों ने कोई गलत काम नहीं किया है। पूरे बिहार का विकास किये हैं। बेजूबानों को जुबान दिये है। गरीबों को उठाए है। आज देखिये गरीब कहां से कहां पहुंचा हुआ है सब अपना हक जोह रहा है।