GIRIDIH: शादी का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में खुशी और उत्साह की तस्वीर बनती है. शादी की सभी रस्में खुशी, उत्साह और उमंग से निभाई जाती हैं, लेकिन ठीक इसके विपरीत बगोदर प्रखंड में शुक्रवार को एक ऐसी शादी हुई जिसमें खुशी नहीं था. इस शादी में ना ही दूल्हा खुश नजर आया ना ही दुल्हन. यहां सभी लोगों सभी के चेहरे मुरझाए थे. लोगों को बस शादी की रस्में जल्द पूरा होने की जल्दबाजी थी.
यह मामला झारखंड के गिरिडीह के बगोदर प्रखंड के बनपुरा गांव की है. दरअसल, बीमारी से दुल्हन की मां का निधन हो गया. इस वजह से शादी में कोई उत्साह नहीं था. आनन-फानन में मां के शव को घर पर रखकर बेटी का विवाह मंदिर में कराया गया. वही बेटी की डोली निकलने के बाद मां की अर्थी निकाली गई और अंतिम संस्कार किया गया.
बताया जा रहा है मृत मां की छोटी बेटी काजल कुमारी का विवाह 10 मई को होना तय हुआ था. मां की मौत के बाद बेटी का विवाह नहीं होता. इसे देखते हुए गांव के लोगों ने मां के शव को घर पर रखकर बेटी की शादी कराने का निर्णय लिया.