मरीज की मौत के बाद जमकर हंगामा, रणक्षेत्र में तब्दील हुआ पावापुरी अस्पताल, करीब 4 घंटे से OPD सेवा बाधित

मरीज की मौत के बाद जमकर हंगामा, रणक्षेत्र में तब्दील हुआ पावापुरी अस्पताल, करीब 4 घंटे से OPD सेवा बाधित

NALANDA: नालंदा का महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान अस्पताल कैंपस आज रणक्षेत्र में उस वक्त तब्दील हो गया। जब अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती पावापुरी थाना क्षेत्र निवासी 12 वर्षीय बच्चा गोल्डेन कुमार की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने इमरजेंसी वार्ड के बाहर जमकर हंगामा मचाया। हंगामे को देख इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर वहां से उठकर चले गए। इस दौरान आक्रोशित भीड़ ने अस्पताल का मुख्य गेट बंद कर दिया। इस दौरान जिस कार में शव को रखा गया था उसका शीशा तोड़ आक्रोशित डॉक्टरों ने डाला जिसके बाद मृतक के परिजन जान बचाकर बिना पोस्टमार्टम किए हुए अस्पताल से भागे। इस दौरान करीब 4 घंटे से ओपीडी सेवा ठप है।


मृतक के दादा ज्ञान बहादुर प्रसाद ने बच्चे की मौत के लिए डाक्टर सहित कर्मियों को जिम्मेवार बताया। मृतक बच्चे के दादा ने बताया कि कल शाम उनका पोता गोल्डेन गांव के बाहर साइकिल से गिर गया था जिसके कारण उसके कमर में चोट आ गयी जिसके बाद उसे पावापुरी मेडिकल कॉलेज लाया गया। देर रात जब बच्चे का शरीर ठंडा पड़ने लगा तो उन्होंने नर्सेज एवं अन्य स्टाफ को इस बारे में जानकारी दी। लेकिन बार-बार आग्रह किये जाने के बाद भी कोई डॉक्टर उनके बच्चे को देखने नहीं पहुंचा। डॉक्टर ने परिजनों को डांट कर भगा दिया और सोमवार की सुबह बच्चे की मौत हो गई। 


मृतक के दादा ने बताया कि देर रात एक भी सीनियर डॉक्टर अस्पताल में मौजूद नहीं था। घटना की सूचना मिलते ही भारी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गये और अस्पताल में हंगामा करने लगे। इधर अस्पताल कर्मियों ने बताया कि गुस्साई भीड़ ने अस्पताल अधीक्षक के चैबर में घुसकर गाली गलौज की साथ ही अधीक्षक के साथ बदसलूकी भी की। घटना की जानकारी अस्पताल में कार्यरत इंटर्न डॉक्टरों को जैसे ही हुई वे उग्र हो गए। जिसके बाद दोनों तरफ से मारपीट शुरू हो गयी। पूरा अस्पताल कैंपस रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। 


डॉक्टरों का कहना था कि मरीज का इलाज बेहतर ढंग से चल रहा था। इसके बावजूद परिजन इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे थे। जब डॉक्टरों ने समझाया तो परिजन गाली गलौज करने लगे। मारपीट भी परिजनों ने ही शुरू की गई । इस दौरान आक्रोशित डॉक्टर ने जिस कार में शव को रखा गया था उसका शीशा तोड़ डाला जिसके बाद मृतक के परिजन जान बचाकर बिना पोस्टमार्टम किए हुए अस्पताल से भागे। इस दौरान करीब 4 घंटे से ओपीडी सेवा ठप है। जिसके कारण यहां आने वाले मरीज और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हंगामे की सूचना पाकर मौके पर पहुंची फिलहाल पूरे मामले की छानबीन कर रही है।