Margashirsha Purnima 2024: हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2024
इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा 15 दिसंबर, रविवार को मनाई जाएगी, जो 14 दिसंबर, शाम 04:58 से शुरू होकर 15 दिसंबर, दोपहर 02:31 तक रहेगी। चंद्रोदय 15 दिसंबर को शाम 05:14 बजे होगा।
पूजा विधि
सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें। गंगा जल मिलाकर स्नान करने से विशेष लाभ होता है। घर के मंदिर को साफ करके फूलों और दीपक से सजाएं। विष्णु भगवान को पीले रंग के फल, फूल और वस्त्र चढ़ाएं। माता लक्ष्मी को गुलाबी या लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान चढ़ाएं। इश दिन सत्यनारायण की कथा सुनने और सुनाने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके बाद शाम को चंद्रोदय के समय चंद्रमा को अर्घ्य दें। इस दिन व्रत रखने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 05:17 AM से 06:12 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:44 AM से 07:06 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:56 PM से 12:37 PM
विजय मुहूर्त: 02:00 PM से 02:41 PM
गोधूलि मुहूर्त: 05:24 PM से 05:51 PM
सायाह्न सन्ध्या: 05:26 PM से 06:48 PM
अमृत काल: 06:06 PM से 07:36 PM
निशिता मुहूर्त: 11:49 PM से 12:44 AM, 16 दिसंबर
चंद्रोदय समय: 05:14 PM
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के उपाय
दक्षिणावर्ती शंख में साबुत चावल भरकर रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है। तुलसी के पौधे की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। गरीबों को दान करने से पुण्य मिलता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा का दिन धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पूजा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
नोट: यह जानकारी सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को करने से पहले किसी पंडित या धर्मगुरु से सलाह लेना जरूरी है।